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माईका उद्योग बचाओ संघर्ष समिति का हुआ गठन

25 फरवरी को कोडरमा उपायुक्त के समक्ष महाधरना

कोडरमा। गाँधी स्कूल के पास स्थित उदय द्विवेदी के आवास पर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की एक बैठक गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता अशोक वर्मा की अध्यक्षता मंे हुई। बैठक का संचालन उदय द्विवेदी ने किया। बैठक मंे अबरख नगरी के नाम से जाना जानेवाला कोडरमा में इस उद्योग को बचाने और पुनर्जीवित करने को लेकर आंदोलन खड़ा करने पर चर्चा किया गया और जिला से लेकर राजधानी तक आंदोलन करने की रणनीति बनाई गई। संघर्ष को व्यापक बनाने के लिए सर्वसम्मती से माईका उद्योग बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया। जिसके संयोजक असीम सरकार चुने गये।

अबरख खनन से चल रहा हजारों लोगों की जीविका

बैठक मंे सर्वसर्म्मती से निर्णय लिया गया कि माईका खनन को कानूनी अधिकार व इसको बचाने की मांग पर अबरख उद्योग से जुड़े मजदूरों, छोटे व्यापारियों को लेकर 25 फरवरी को उपायुक्त के समक्ष एकदिवसीय महाधरना दिया जाएगा और माइका क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच जाकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जायेगा। गिरिडीह और कोडरमा के विभिन्न गाँवों जहाँ इस व्यापार से जुड़े लोग हैं, उनके बीच लगातार चार दिन तक अपने टीम के साथ भ्रमण करने वाले झारखण्ड लोकतांत्रिक मोर्चा के अशोक वर्मा ने बैठक में विस्तार से बताते हुए कहा कि कोडरमा व गिरिडीह में आज भी हजारों लोगों की जीविका अबरख खनन से चल रहा है। जिसके कारण आये दिन गरीब मजदूरों की मौत हो जाती है। छोटे व्यापारियों की गाड़ी पकड़ी जाती है, मजदूरों पर बेवजह मुकदमे किए जाते हैं। इसलिए माइका उद्योग पुनर्रजीवित करने के लिए, इसे कानूनी दर्जा देने के लिए और कोडरमा जिला को फिर से चमकता अबरख नगरी बनाने के लिए सभी को आगे आना होगा और इसके लिए लम्बी लड़ाई लड़नी होगी।

बैठक मंे पिंकु सहाय, श्यामदेव यादव, संजय पासवान, चरणजीत सिहं, ईश्वरी राणा, प्रकाश यादव, अशोक रजक, मिनहाज अख्तर, दीपक बारला, रामकुमार वर्णवाल, लालजीत मेहता आदि उपस्थित थे।

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