पश्चिम बंगाल : कांग्रेस-लेफ्ट में सीट बंटवारे पर नहीं बनी बात
कोलकाता। कांग्रेस-वाम मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में तय किया है कि वे मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी है। जबकि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब है। सीटों के बंटवारे के लिए कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी मिल चुकी है और सीटों के बंटवारे पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन रही। सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने के लिए कांग्रेस को 31 जनवरी तक की डेडलाइन मिली है। सो, वामदलों के साथ उसकी लगातार बातचीत चल रही है।
बीती देर रात दोनों दल के नेताओं की पहले दौर की हुई बैठक में तय हुआ कि अगली बैठक रविवार को रिपन स्ट्रीट स्थित क्रांति प्रेस में होगी। रविवार को हुई बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सांसद प्रदीप भट्टाचार्य और विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान मौजूद थे। वाममोर्चा के घटक दलों के साथ विमान बोस बैठक का नेतृत्व कर रहे थे। चर्चा इस मुद्दे पर थी कि राज्य विधानसभा की कुल 294 सीटों पर कौन, कहां से चुनाव लड़ेगा और कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बैठक में सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर कई बार माहौल गर्म भी हुआ। कभी विमान बोस गर्म हुए, तो कभी अधीर रंजन ने अपना आपा खोया। बैठक के दौरान एक वक्त भी आया जब लगा कि कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन खटाई में पड़ जायेगा। दोनों पक्षों के बीच मान-मनौव्वल के बाद फिर से चर्चा शुरू हुई, लेकिन सीटों के समझौते पर आम सहमति नहीं बन पायी। अब दोनों की बैठक बाद में होगी। खबर है कि कांग्रेस 130 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस पिछली बार 92 सीटों पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ी थी। इस बार वह अधिक सीटों की मांग कर रही है। जबकि वामपंथी दल कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं।
जो हो, वामदलों व कांग्रेस की रविवार की बैठक बेनतीजा रही है। वाम दलों का मानना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो महागठबंधन के जिस प्रारूप की कल्पना की गयी है उस पर कांग्रेस की जिद पलीता लगा सकती है। वामदलों का कहना है कि अगर कांग्रेस अकेले 130 सीटों पर लड़ेगी, तो बाकी दलों के हिस्से कितनी सीटें आयेंगी। वामदल और कांग्रेस दोनों इस बात पर सहमत हैं कि महागठबंधन बनता है तो तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वे मजबूती से लड़ सकेंगे। उधर कांग्रेस सूत्रों की मानें तो हाईकमान ने निर्देश दिया है कि सीट समझौते को 31 जनवरी तक अंतिम रूप दे दिया जाये।