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काले कृषि कानून के खिलाफ में किसान जागरण अभियान जारी

खेती किसानी बचाने के लिए एकजुट होने का किया आह्वान

गिरिडीह। मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ देशभर मे चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में किसान संगठनों के देशव्यापी 6 से 20 जनवरी तक देश जागृति करने के आह्वान पर किसान संघर्ष मोर्चा कोडरमा के बैनर तले किसानों व ग्रामीणों को जगाने के लिए किसान जागरण अभियान जारी रहा। शुक्रवार को डोमचांच प्रखण्ड के बेहराडीह चैक, नवलशाही बाजार, पुरनाडीह चैक, रायडीह ग्राम और डोमचांच बाजार में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। जहां पर्चा वितरित कर किसान विरोधी काला कानून के से किसानों होने वाले नुकसान को बताया गया। विभिन्न सभाओं को सीटू नेता संजय पासवान, झारखण्ड राज्य किसान सभा के असीम सरकार, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रकाश रजक, सिविल सोसाइटी के उदय द्विवेदी, किसान महासभा के राजेन्द्र महतो, दलित उत्पीड़न संघर्ष समिति के प्रकाश अम्बेडकर, डीवाईएफआई के परमेश्वर यादव, एसएफआई के मुकेश यादव, बिनोद पाण्डेय, राजेन्द्र साव, शिवनारायण यादव, चेतलाल दास आदि ने सम्बोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार किसानों को झांसा देना चाहती है कि कृषि व्यापार को बिना शर्त कॉरपोरेटों के लिए खोल देने से व्यापक अखिल भारतीय मार्केटिंग के लिए पहुंच बनेगी और किसानों को बढ़े हुए दाम भी मिलेंगे। जबकि पूरी कवायद अपने चहेते पूंजीपति मित्रों अडानी अम्बानी को लाभ पहुँचाने के लिये की जा रही है जिसका किसानों व आम जनता पर असहनीय बोझ बढेगा। सरकार कानून के तहत किसानों को गारंटी क्यों नहीं दिलाना चाहती कि कोई भी कॉरपोरेट व्यापारी किसानों के उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर नहीं खरीद सकेंगे।
केंद्र सरकार काला कृषि कानून को वापस लेने के बजाय किसानों के आंदोलन को तोड़ने की साजिश कर रही है। इन कृषि कानूनों से अनाज की जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा जिससे महंगाई बढ़ेगी। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को लाकर किसानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बंधुआ बनाया जाएगा और सरकारी मंडी को खत्म कर निजी मंडी को बढ़ावा दिया जाएगा। किसान कंगाल होते जाएगा और अडानी-अंबानी मालामाल होंगे। किसान इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। राष्ट्रहित में किसानों के आंदोलन के समर्थन में खड़े होना इस समय देश की जरुरत है। काला कानून वापस होने तक संघर्ष जारी रहेगा। वक्ताओं ने खेती किसानी बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

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