धारा 1980 में संशोधन कर हेंमत सरकार माइका कारोबार को विकसित करने का प्लान बनाई हैः सचिव
हजारों को रोजगार देने वाले माइका कारोबार को संवारने के लिए हेंमत सरकार अपने फार्मूल पर काम शुरु की
सचिव पहुंचे गिरिडीह, डीसी और सदर विधायक सोनू के साथ कई माइका आधारित कारखानों का किया निरीक्षण
गिरिडीहः
माइका कारोबार को वन अधिनियम की धारा 1980 से बचाने को लेकर हेंमत सरकार अपने फार्मूला पर काम करना शुरु कर दिया है। सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा विस में सवाल उठाने के काफी महीनों बाद सरकार के निर्देश पर रविवार को सूबे के खनन सचिव श्रीनावसन गिरिडीह पहुंचे। खनन सचिव श्रीनावसन के साथ डीसी राहुल सिन्हा के साथ सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और जिला खनन पदाधिकारी सतीश नायक भी मौजूद थे। इस दौरान सचिव और डीसी ने माइका ट्रैड से जुड़े कारोबारियों से मुलाकात किया। शहर के सर्किट हाउस में जय माइका के निदेशक अशोक पांड्या, रुबी माइका के राजेन्द्र बगेड़िया, संजय बगेड़िया, लक्ष्मीकांत राजगढ़िया और चैंबर आॅफ काॅमर्स के सचिव निर्मल झुनझूनवाला मौजूद थे। मुलाकात के बाद सचिव शहर के कई नामचीन माइका कारखानों का निरीक्षण किया। जिसमें जय माईका, रुबी माईका शामिल था। दरअसल, खनन सचिव को भी माइका कारोबार को लेकर लगातार भ्रामक जानकारी मिल रही थी। इसमें बाल श्रमिकों द्वारा माइका की कटाई और उसे पक्का माल तैयार किए जाने की बात शामिल था। लिहाजा, गिरिडीह के माइका आधारित उद्योग का निरीक्षण किया। इस दौरान सचिव श्रीनावसन भी समझें कि सूबे के आर्थिक हालात सुधारने की दिशा में माइका कारोबार की भूमिका अहम हो सकती है। इस दौरान सचिव ने जिन फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया। उनमें माइका की कटाई करने वाले श्रमिकों से सचिव ने बात भी किया।
श्रमिकों में महिलाओं की संख्या अधिक देख सचिव भी चाौकें। जबकि औद्योगिक क्षेत्र के रुबी माईका फैक्ट्री का निरीक्षण किया। तो सचिव को कारखानें के कर्मियों ने बताया कि हर रोज दौ से अधिक श्रमिक काम करते है। माइका के माध्यम से पेपर प्लेट बनाने वाली गिरिडीह के इकलौते अत्याधुनिक माइका कारखाना देख सचिव भी खुश हुए। फैक्ट्री के कर्मियों ने मौके पर फैक्ट्री के हर मशीन की जानकारी दिया। मौके पर माइका कारोबारियों ने सचिव, डीसी और विधायक के साथ बैठक भी किया। कारोबारियों ने सचिव को काॅपरेटिव सोसाईटी बनाकर माइका का कच्चा माल ढिबरा को कारोबारियों तक पहुंचाने का सुझाव दिया।

इधर सर्किट हाउस में मीडिया कर्मियों से बातचीत के क्रम में सचिव ने भी माना कि वन अधिनियम की धारा 1980 के कारण सूबे के इन दोनों जिलों का हालात बेहतर करने वाला कारोबार पनप नहीं पा रहा। एक्ट का गलत फायदा अब तक वन विभाग उठाता रहा। लिहाजा, अब सरकार स्तर पर एक्ट में संशोधन किया जा चुका है। तो इसका उद्देश्य कोडरमा और गिरिडीह के माइका कारोबार को सहुलियत देने के लिए ही। बातचीत के क्रम में सचिव ने यह भी कहा कि सरकार भी चाहती है कि माइका कारोबार की हालात बेहतर हो। जिसे रोजगार की संभावना बढ़ सकें। सचिव श्रीनावसन शहर के माइका आधारित कारखानों का निरीक्षण करने के बाद गांवा-तिसरी के माइका खदान पहुंचे। जहां डीसी और खनन पदाधिकारी के साथ सचिव ने एक-एक खदानों का निरीक्षण किया। और खदानों से निकलने वाले ढिबरा की कटाई में लगे कर्मियों को काम करते देखा।