दूसरो को जिदंगी देने वाले डॉ अमित गोंड आखिरकार हार गए अपनी जिदंगी
- प्रेनक्रियाज से थे ग्रसित, हैदराबाद में चल रहा था इलाज, कई दिनों से वेंटिलेशन पर थे डॉ गांेड
- गिरिडीह के चिकित्सा क्षेत्र के अलावे पूरे गिरिडीह में शोक की लहर
गिरिडीह। दूसरो को जिंदगी देने वाले गिरिडीह के प्रसिद्ध और युवा सर्जन डॉक्टर अमित गौंड आखिरकार अपनी जिदंगी को हार गए। बुधवार की अहले सुबह हेदराबाद में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद तो जैसे पूरे शहर में आग की तरह खबर फैल गई। 42 वर्षीय डॉक्टर गौंड का निधन बुधवार को हैदराबाद में इलाज के क्रम हुआ। वे पिछले कई दिनों से पेनक्रियाज इंफेक्शन से ग्रसित थे, और उनका इलाज एआईजी हॉस्पिटल हैदराबाद में चल रहा था। इलाज के दौरान अचानक देर रात को उनकी तबियत अधिक बिगड़ गई और बुधवार की अहले सुबह उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही गिरिडीह के करीब करीब सभी क्षेत्र के लोगों के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
डॉ अमित गोंड गिरिडीह के एक युवा और झारखंड स्तर पर तेजी से उभरते हुए अच्छे सर्जन थे। वे समाजसेवा के लिए भी सदैव तत्पर रहते थे। कई गरीबों का परमानेंट इलाज वो मुफ्त किया करते थे। शहर के बस स्टेंड के पास उनके नवनिर्मित नर्सिंग होम मर्सी हॉस्पिटल का उद्घाटन एक जून को होने वाला था। डॉक्टर गौंड का मर्सी हॉस्पिटल उनका ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में था।
उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी दीपक कुमार शर्मा, गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, राजकुमार राज, दिनेश यादव, रंजीत राय सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ रेडक्रॉस सोसायटी, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, आईएमए के पदाधिकारियों सहित गिरिडीह के करीब करीब सभी चिकित्सकों ने शोक की लहर दौड़ गई है। उनके आकस्मिक निधन से गिरिडीह के चिकित्सा क्षेत्र को बड़ी क्षति हुई है।