डीआईजी में प्रमोशन के बाद बोले पूर्व सीआरपीएफ कमांडेट गिरिडीह से मिले स्न्नेह को भूलना संभव नहीं
गिरिडीहः
सीआरपीएफ सांतवी बटालियन के कमांडेट अनिल भारद्वाज का डीआईजी में मिले प्रमोशन का उत्साह सीआरपीएफ जवानों में था। तो उनके गिरिडीह से जाने का सबसे अधिक गम भी बुधवार को इन जवानों के भीतर ही नजर आया। बुधवार को शहर के बस पड़ाव स्थित सीआरपीएफ कैंप में उनके प्रमोशन को लेकर विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। कैंप में हुए विदाई समारोह में रेडक्राॅस के उपाध्यक्ष डा. तारक नाथ देव के अलावे सीआरपीएफ के अधिकारी, जवान और प्रेस प्रतिनिधी भी शामिल हुए। विदाई समारोह के दौरान ही डीआईजी भारद्वाज ने बताया कि फिलहाल गिरिडीह के प्रभारी कमांडेट का पद तिलकराज को सौंपा गया है। मौके पर भावुक होते हुए डीआईजी अनिल भारद्वाज ने कहा कि गिरिडीह में उनका कार्यकाल ढाई साल का रहा। इन ढाई साल के कार्यकाल में शहर के लोगों से अपनापन और स्न्नेह मिला। जिले को नक्सल प्रभावित बताते हुए डीआईजी भारद्वाज ने कहा कि उनका प्रयास रहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों को पनपने का मौका नहीं दे। इसके लिए सीआरपीएफ ने ऐसे इलाकों के हर व्यक्ति के सहयोग मैत्री भावना के साथ काम किया। यही नही जब जहां जरुरत महसूस हुआ। वहां एंटी नक्सल आॅपरेशन भी चलाया गया। डीआईजी ने सीआरपीएफ के सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाले प्रशिक्षण और आदिम जनजाति कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से सीआरपीएफ ने हर क्षेत्र के लोगों पर भरोषा पैदा करने का प्रयास किया। इधर डीआईजी अनिल भारद्वाज के विदाई समारोह में प्रभारी कमांडेट तिलकराज के अलावे सेकेंड इन कमांडेट आलोक कुमार समेत कई पदाधिकारी और डिप्टी कमांडेट महेन्द्र वर्मा भी मौजूद थे।