गिरिडीह आईएसआई में शुरु हुआ कोरोना महामारी से आएं जीविकोपॉर्जन और स्वास्थ परेशानियों पर संगोष्ठी, थाईलेंड समेत कई राज्यों के प्रोफेसर और स्कॉलर हुए शामिल
गिरिडीहः
गिरिडीह में कार्यरत भारत सरकार की संस्था भारतीय सांख्यिकी संस्था परिसर में सोमवार से दो दिवसीय संगोष्ठी की शुरुआत हुआ। कोरोना महामारी के बीच आएं जीविकोपार्जन और स्वास्थ से जुड़े मुद्दों पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में दिल्ली जेएनयू के कई बड़े प्रोफेसर, स्कॉलर के साथ विनोभा के कुलपति, सांख्यिकी संस्थान के कोलकाता स्थित प्रधान कार्यालय से आएं प्रोफेसर, वैज्ञानिक और स्कॉलर के साथ थाईलैंड, भोपाल, उड़ीसा के भुनेशवर समेत कई और देश और राज्यों के स्कॉलर और प्रोफेसर शामिल हुए। बैंकाक के ही थाईलेंड से डिजास्टर मैनेजमेट के अध्यक्ष डा. इन्द्रजीत पॉल इस संगोष्ठी में ऑनलाईन प्रतिभागियों से जुड़े और कहा कि महामारी ने पूरे विश्व को एक सबक दिया है। और सबसे बड़ी परेशानी इस वक्त जीविकोपार्जन को लेकर हो रहा है। जबकि दुसरी परेशानी स्वास्थ संबधी है, क्योंकि पोस्ट कोविद-19 के चपेट में आएं हर व्यक्ति संक्रमित हुआ था। शुरुआती दौर में ऐसे लोग जिनका प्रतिरोधक क्षमता इम्यूनिटी पॉवर मजबूत रहा। वो बेहतर तरीके से जीवन-यापन करते रहे। लेकिन अब इम्यूनिटी पॉवर कमजोर होता दिख रहा है। और महामारी के संक्रमण के चपेट में आएं लोगों की मृत्यु भी किसी ना किसी बीमारी के कारण हो रही है। हालांकि संगोष्ठी में मौजूद स्कॉलरों ने जब इसके समाधान पूछा, तो थाईलेंड के डिजास्टर मैनेजमेंट अध्यक्ष पॉल ने कहा कि इस वक्त हालात के अनुरुप दिनचर्या को रखना है। उचित भोजन और खुद का स्वास्थ परीक्षण कराना जरुरी है। ऑनलाईन संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पॉल ने कहा कि जीविकोपॉर्जन की परेशानी कमोवेश, हर देश में एक समान है। रोजगार के अवसर मंे कमी आई है। और महामारी एक चुनौती बनकर उभरा है तो जीने के अवसर भी दिए है। हर व्यक्ति को खुद में इस क्षमता को विकसित करना जरुरी है कि वो अपने आय को कैसे बढ़ाए, और बचत करें। क्योंकि अनावश्यक खर्च से अधिक जरुरी बचत करना है। इधर संगोष्टी में कोलकाता प्रधान कार्यालय से ही कुंतल घोष, डा. नेहा प्रसाद, भोपाल के संस्कृति मंत्रालय आईजीआरएमस के निदेशक अमिताभ पांडेय, गिरिडीह आईएसआई के डा. हरिचरण बेहरा समेत कई प्रोफेसर और स्कॉलर शामिल हुए।