गिरिडीह पहुंची केन्द्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी, दिशा की तीसरी बैठक में हुई शामिल
- विभाग के अधूरे रिपोर्ट को देखकर अधिकारियों को लगाई फटकार
- अधिकारियों के लापरवाह रवैये के लिए राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेवार
- उपायुक्त को पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद अगले महीने तक बैठक बुलाने का दिया निर्देश
गिरिडीह। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति दिशा की तीसरी बैठक शुक्रवार को नगर भवन में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी के द्वारा किया गया। बैठक में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, जमुआ विधायक केदार हाजरा, बगोदर विधायक विनोद कुमार, जिप अध्यक्ष मुनिया देवी, नगर निगम के प्रभारी महापौर प्रकाश राम, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, पुलिस अधीक्षक अमित रेनू समेत सभी विभाग के अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान प्रत्येक योजनाओं के आधे अधूरे रिपोर्ट को देखकर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भड़क उठी। जिसके बाद इस बैठक को बीच में ही विराम कर देना पड़ा। वैसे नाराज सिर्फ केंद्रीय मंत्री ही नहीं, बल्कि बगोदर विधायक विनोद सिंह भी दिखे।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पीडब्ल्यूडी और पीएचईडी एक और दो के कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद और मुकेश मंडल के साथ नीरज कुमार को निकम्मा तक कह बैठी। कहा कि हर बार गिरिडीह के अधिकांश विभाग के अधिकारी का कुछ न कुछ बहाना जरूर रहता है। ये ठीक नही, अब अधिकारी अपने उपर कारवाई चाहते है। क्योंकि हर घर नल से जल देने की योजना मोदी सरकार के सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है। लेकिन पीएचईडी के दोनो अधिकारी अपने ठेकेदारों पर निर्भर हो चुके है।
इस दौरान बगोदर विधायक विनोद सिंह ने बगोदर के एक सड़क निर्माण का मामला उठाते हुए कहा की पीडब्ल्यूडी के कोई अधिकारी सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण तक नही करते। इसी बीच बैठक में शामिल एक प्रखंड के प्रमुख ने पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद की शिकायत करते हुए कहा कि वो किसी का फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझते है। जबकि जमुआ विधायक केदार हाजरा ने जमुआ के एक सड़क निर्माण में हो रही गड़बड़ी को लेकर कहा की ठेकेदार के भरोसे ही सड़क निर्माण कार्य छोड़ दिया गया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जांच तक करने नही जाते।
इस दौरान डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि जमुआ के डोमन पहाड़ी से चुंगलो का सड़क निर्माण कार्य का पहले जांच किया जाएगा। इसके बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाना है। फिलहाल डीसी के निर्देश पर जमुआ के इस सड़क निर्माण कार्य के भुगतान पर रोक लगा दिया गया।
पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा की गिरिडीह के अधिकारी हेमंत सरकार के कार्यकाल में निकम्मे हो चुके है। कोई अधिकारी जिला के इतने बड़े बैठक को गंभीरता से नही लेते है। कहा कि अब अगर अधिकारी नही सुने, तो इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार को पत्रचार कर शिकायत किया जाएगा। कहा कि इस बाबत केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान नल जल योजना पीडब्ल्यूडी, प्रधानमंत्री सड़क योजना समेत जितने भी योजनाओं पर चर्चा किया गया वह सारे आधे अधूरे थे। जिसके कारण बैठक को बीच में ही रोक देना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसको लेकर उपायुक्त को खास निर्देश दिया गया कि पहले सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद ही दिशा बैठक का आयोजन करें और योजनाओं की पूरी जानकारी दें। कहा कि अगले एक महीने के बाद पुनः दिशा की बैठक आयोजित की जाएगी और यदि उस बैठक में संबंधित विभागों से पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो अधिकारियों को दंडित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिले में जो कार्य हो रहा है वह बहुत धीमी है। साथ ही गुणवत्ता में कटौती की जा रही है। जिसको लेकर भी उपायुक्त को सख्त निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से जो विकास की राशि आ रहे हैं उसका पूरा-पूरा उपयोग राज्य सरकार द्वारा नही की जा रही है। इसका परिणाम यह है कि सही से विकास योजनाओं को आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री का विकास कार्य करने का मनसा ही नहीं है, जिसके कारण फंड वापस चला जाता है जो खेद की बात है।