हिंदू नववर्ष को लेकर गिरिडीह में दिखा उत्साह, एसएसवीएम स्कूल से निकली शोभा यात्रा
- बरनवाल समाज व कायस्थ महासभा ने मकतपुर व टावर चौक पर की शीतल पेयजल की व्यवस्था
- कैच मशाला के डीलर ने किया छात्रों के बीच ठंडाई और पेयजल का वितरण
- चौत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हिंदू नव वर्ष की होती है शुरुआत: प्रधानाचार्य
गिरिडीह। चौत्र शुक्ल वर्ष प्रतिपदा हिंदू नववर्ष को लेकर गिरिडीह में जोशीले भरे अंदाज में दिखा। इस मौके पर जहां एक तरफ कई हिंदू संगठन ने अलग अलग तरीके से नववर्ष का स्वागत किया। वहीं अहले सुबह शहर में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल से भव्य शोभा यात्रा निकला। प्रिंसिपल शिव कुमार चौधरी के नेतृत्व में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल से निकले इस नववर्ष के शोभा यात्रा की अगुवाई स्कूल के पैरेंड बैंड घोष में शामिल छात्रों की टुकड़ियां कर रही थी। शोभा यात्रा में शामिल छात्रों के हाथों में भगवा ध्वज, अलग अलग नारो से लिखी तख्ती लेकर चल रहे थे। अन्न जहां का हमने खाया, जल जहां हमने पिया, वो है भारत देश हमारा जैसे नारे लिखे तख्ती को थामने के साथ एक एक नन्हे बच्चे और छात्र छात्राएं नारे लगाते चल रहे थे। एक वाहन में भारत मां के साथ भगवान राम समेत कई महापुरुषों के वेश में छात्रों की झांकी शामिल थी।
शहर भ्रमण के दौरान शोभा यात्रा में शामिल बच्चों के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा शहर के अलग अलग चौक चौराहो पर पेयजल व अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। स्कूल से निकल कर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की शोभा यात्रा जब मकतपुर पहुंची तो वहां पर बरनवाल समाज के अध्यक्ष लखन लाल बरनवाल के नेतृत्व में राकेश रंजन, विनय कुमार समेत कई युवाओं ने शोभा यात्रा में शामिल छात्रों के साथ शिक्षकों के बीच ठंडाई और पेयजल का वितरण किया।
वहीं टावर चौक के पास कायस्थ महासभा के चुन्नुकांत, शिवेन्द्र कुमार सिन्हा, चंदन सिन्हा, अभय सिन्हा, रंजीत सिन्हा सहित अन्य युवाओं के द्वारा भी पेयजल का वितरण किया गया। इस दौरान कैच माशाल के गिरिडीह डीलर प्रवीण कुमार पिंटू द्वारा छात्रों के बीच पेयजल के साथ फ्रूटी के पैकेट का भी वितरण किया जा रहा था। शहर भ्रमण के बाद शोभा यात्रा वापस स्कूल पहुंच कर समापत हुआ।
मौके पर प्रधानाचार्य शिव कुमार चौधरी ने नगरवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विक्रम संवत चौत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है और हम सब इसी को अपना नव वर्ष माने। इसका अध्यात्म से गहरा लगाव है। आज के दिन ही सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को परास्त किया था। वासंतिक नवरात्र भी आज के दिन से ही शुरु होती है। कहा कि अपनी संस्कृति, परंपरा और सभ्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने और लोगों में इसके प्रति जागरुकता लाने हेतु यह प्रभात फेरी है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में नलिन कुमार, राजेंद्र लाल बरनवाल, अजीत मिश्रा, राजेश नंदन, मनोज चौधरी सहित समस्त आचार्य-दीदी का सराहनीय योगदान रहा।