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रूद्रा फाउंडेशन के हुए 12 वर्ष, केक काटकर किया सेलिब्रेट

  • संस्थान के सचिव ने 12 वर्षों में किये गये कार्यों को गिनाया

गिरिडीह। स्वयं सेवी संस्था रुद्रा फाउंडेशन के 12 वर्ष पुरे होने के उपलक्ष्य में संस्थान के सदस्यों ने केक काटकर एक दूसरे का बधाई दी। इस मौके पर संस्थान के सचिव सैयद सबीह अशरफ 12 वर्षो में संस्थान द्वारा किये गये कार्याें को गिनाते हुए कहा कि 29 मार्च 2010 को ही रुद्रा फाउंडेशन की शुरूआत की गई थी। कहा कि इन बारह वर्षों में हमने कई उतार चढाव देखे हैं साथ ही हमलोग अपने लक्ष्य को पाने के लिए अग्रसर हैं।

बताया कि संस्था नाबार्ड के सहयोग से किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन एवं संवर्द्धन का कार्य कर रही है। जिससे किसानों को बिचौलिए से मुक्ति मिल रही है तथा उन्हें अपने उत्पाद का अधिक से अधिक लाभ मिल रहा है। संस्था द्वारा गठित धान अधिप्राप्ति केंद्र, इफको पशु आहार की डिस्ट्रीब्यूटर शिप, सीएससी संचालन, खाद्ध बीज का दुकान, मिनी राईस मिल, मसाला उद्योग, टेरी नई दिल्ली के सहयोग से उत्तम ऊर्जा केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है।

संस्था ने 10 मीट्रिक टन क्षमता का तीन कोल्ड रूम का निर्माण सेल्को फाउंडेशन एवं भारत सरकार के कृषि अवसरंचना कोष के अंतर्गत स्थापित किया गया है। शीघ्र ही शहर के बड़ा चौक में एफपीओ की दुकान (एफपीओ मार्ट) खुलने जा रहा है। जिसमें एफपीओ द्वारा उत्पादित कृषि उत्पाद की बिक्री होगी और शहर के लोगों को शुद्ध खाने पीने की चीजें उपलब्ध होंगी, जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। बताया कि संस्था द्वारा गठित सात एफपीओ में से तीन एफपीओ में सोलर कोल्ड स्टोरेज लग चुका है एवं 7 प्रसंस्करण उद्योग लगाया जा चुका है। आलू चिप्स, टमाटर पाउडर, मसाला उद्योग, मिनी राइस मिल, आटा मिल, सोलर वेजिटेबल ड्राईयर आदि लग चूका है। एफपीओ से जुड़े किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में संस्था लगातार कार्य कर रही है।

बताया कि पिछले बारह सालों में संस्थान ने लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण हेतु झारखण्ड के आठ ज़िलों लगभग तीन हज़ार लघु वनोपज संग्राहकों का साथ काम किया तथा 44 लघु वनोपज के समर्थन मूल्य निर्धारण में टेरी के साथ कार्य किया। बताया कि इसके अलावे कई राष्ट्रीय स्तर के कंपनियों के सहयोग से कई कार्य किये है।

मौके पर संस्था के निरंजन मेलगंडी, रवि कुमार, शंकर राय सहित कई सदस्यों के साथ साथ एफपीओ से आये हुए निदेशक लखपत पंडित, दिनेश वर्मा, संतोष वर्मा, जितेंद्र वर्मा, सत्येंद्र कुशवाहा, सीईओ अशोक कुमार, धीरज वर्मा, और शंभू प्रसाद उपस्थित थे।

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