सम्मेदशिखर मधुबन से दो जैन मुनि का हुआ गिरिडीह शहर में मंगल प्रवेश, जैन समाज ने किया भव्य स्वागत
गिरिडीहः
सम्मेदशिखर मधुबन के गुणायत्तन भवन में विहार कर रहे जैन समाज के मुनिश्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज और अरहस सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश बुधवार की शाम गिरिडीह शहर में हुआ। दोनों जैन मुनियों का मंगल प्रवेश पूरे जोरदार तरीके से हुआ। तो उनके स्वागत में दिगबंर जैन समाज ने भी कोई कसर नहीं छोड़ा। बदन को जलाते भीषण और चिलचिलाती गर्मी के बीच मुनिश्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज और अरहस सागर जी महाराज सम्मेदशिखर मधुबन के गुणायत्तन भवन से दोपहर करीब 12 बजे निकले। और 26 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए शहर पहुंचे। जहां शहर के कोलडीहा पेट्रोल पंप में जैन समाज के काफी संख्या में महिलाओं से लेकर युवतियां और गणमान्य लोग पहले से मौजूद थे। इस दौरान दोनों मुनी जब पेट्रोल पंप के समीप तक पहुंचे। इसके बाद ढोल-नगाड़ो के साथ दोनों का भव्य स्वागत किया गया। आगे-आगे ढोल नगाड़े चले रहे थे, तो पीछे-पीछे जैन समाज की महिला बैंड पार्टी थी।

मौके पर एक साथ कई युवतियां स्कूटी में मुनिश्री के स्वागत में डैªस कोड के साथ चल रही थी। जैन समाज ने दोनों मुनिश्री के शहर में मंगल प्रवेश का स्वागत शानदार तरीके से किया। इस दौरान शहर के कई स्थानों पर जैन समाज के गणमान्य लोगों ने दोनों मुनियों की आरती उतारा। और उनके पांव पखारे। शहर भ्रमण करते हुए जैन समाज के लोगों के साथ जब दोनों मुनिश्री शहर के बड़ा चाौक स्थित जैन मंदिर पहुंचे। तो मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही दोनों का स्वागत किया गया।

और आरती की गई। वहीं देर शाम मंदिर के गर्भगृह में दोनों मुनिश्री ने शंका समाधान विद्यान किया। दो दिनों के गिरिडीह प्रवास के तीसरे दिन शुक्रवार को दोनों मुनिश्री बिहार के पटना रवाना होगें। इधर विद्यान में काफी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। मुनिश्री के स्वागत में जैन समाज के अशोक पांड्या, अंकित पांड्या, धीरज जैन, अविनाश सेट्ठी, विनीता पांड्या, कमलचंद जैन, महावीर जैन बल्ली, प्रदीप जैन, श्रेया पांड्या, तूलिका सरावगी, शंभू जैन, विशाल जैन समेत कई मौजूद थे।