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ओपेनकाॅस्ट कोयला खदान में खंता धंसने से हुआ दो मजदूरों की मौत, लेकिन प्रशस्ति पत्र ले चुके गिरिडीह के सदर एसडीपीओ को भनक तक नहीं

एक का शव निकाल कर पुलिस के खौफ से कर दिया गया दाह-संस्कार, तो दुसरे का शव दबे होने की चर्चा

गिरिडीहः
ओपेनकाॅस्ट खदान के फेस स्थित पंप हाउस के समीप गुरुवार की देर रात खंता के धंसने से दो मजदूरों की मौत हो गई। मामले को दबाने के प्रयास में दोनों मृतकों के परिजन देर रात से ही जुट गई। वहीं दुसरे दिन शुक्रवार को किसी तरह एक मृतक का शव निकाला गया। और आनन-फानन में उसका खरियोडीह डैम घाट के तट पर दाह-संस्कार भी कर दिया गया। क्योंकि शव के दाह-संस्कार का वीडियो तक न्यूज विंग के पाठक ने न्यूज विंग को उपलब्ध कराया। वैसे शुक्रवार तक दुसरे मजदूर का शव खंता में ही दबे होने की चर्चा सारा दिन रहा। फिलहाल ये स्पस्ट नहीं हो पाया है कि परिजनों ने खंता से किस मजदूर के शव को बाहर निकाल कर दाह-संस्कार कर दिया। क्योंकि जिन दो मजदूरों की मौत हुई वो दोनों मुफफसिल थाना क्षेत्र के गपैय के हरिजन टोला निवासी बंधु दास के बेटे मुकेश दास और सुखदेव तूरी के बेटे अनिल तूरी थे।
वैसे कोयले के अवैध कारोबार के मामले में हुए दो मजदूरों की मौत को लेकर उनके परिजन तो पुलिस के खौफ से मुंह नहीं खोल रहे है। दुसरी तरफ गिरिडीह के सदर एसडीपीओ अनिल सिंह और मुफ्फसिल थाना पुलिस तक मामले की जांच तक करने ना तो घटनास्थल ही गए। और ना ही मृतकों के घर। इस दौरान मामले में अफवाह या सच से रुबरु होने को लेकर कई बार सदर एसडीपीओ अनिल सिंह से संपर्क किया गया। लेकिन सदर एसडीपीओ ने एक बार भी अपने सरकारी मोबाइल फोन रिसीव तक नहीं किया। वहीं मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम ने बताया कि घटना की कोई जानकारी तक उन्हें नहीं है। चर्चा जरुर है, तो वो भी चाह रहे है कि कोई सामने आ कर पूरे मामले से अवगत कराएं। वैसे यहां जिक्र करना जरुरी होगा कि 10 दिन पहले ही सदर एसडीपीओ को सीसीएल के बनियाडीह इलाके मंे कोयले चोरी रोकने को लेकर सीसीएल के महाप्रबंधक प्रशस्ति देकर सम्मानित करने के साथ पीठ थपथपा चुके है। वहीं दुसरी तरफ थाना क्षेत्र के ओपेनकाॅस्ट खदान में एक खंता में धंसने से दो मजदूरों की मौत तक हो जाती है। और इसकी भनक तक एसडीपीओ और थाना प्रभारी तक को नहीं हो पाता। बहरहाल, घटना सही है या अफवाह। यह अलग मुद्दा है। लेकिन घटना के बाद पुलिस इस गंभीर मामले की जांच करने के बजाय खामाोश हो रही है। यह पुलिस पर सवाल जरुर खड़ा करता है।
वैसे दोनों मृतकों के गांव गपैय के हरिजन टोला भी पहुंच कर घटना की सच्चाई जानने का प्रयास किया गया। इस दौरान कई ग्रामीणों ने पहले तो मुकेश दास और अनिल तूरी के अलावे दोनों के पिता के नाम तक बताने से इंकार कर दिया। लेकिन बातचीत शुरु होने के बाद एक युवती ने मुकेश दास और उसके पिता बंधु दास का घर बगल में होने का इशारा किया। इस दौरान मृतक मुकेश दास के घर में कोई पुरुष सदस्य तो नहीं मिले। लेकिन एक महिला बाहर निकली। तो वो भी मामले छिपाती दिखी। मृतक के घर की महिला सदस्य में भी बातचीत के दौरान पुलिस का भय साफ तौर दिखा।

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