ऑनलाइन कार्यक्रम में बच्चों ने बनाया पतंग
- शिक्षकों ने बच्चों को मकर संक्राति पर्व के बाबत दी जानकारी
कोडरमा। तिलैया में संचालित द रामेश्वर वैली स्कूल में गुरुवार को मकर संक्रांति के मौके पर ऑनलाइन एक्टिविटी कार्यक्रम आयोजित की गई। इसमें पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को त्योहार मनाने के पीछे की मान्यताओं के बारे में भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्राइमरी के बच्चों ने अनेकों अनोखे व सुंदर पतंग बनाकर अपनी प्रतिभा को दिखाया। जिसे शिक्षकों ने काफी सराहा।
प्राचार्या रश्मि बर्णवाल ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें पर्व का महत्व बताया। बताया कि इस संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं। इसकी वजह एक ही है कि सूर्य अब धीरे-धीरे दक्षिण से उत्तर की ओर होता जाता है। एक और खास बात-उत्तरायण में दिन बड़े और रातें छोटी होती जाती हैं। मकर संक्रांति का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर जाते हैं। मकर राशि के सूर्य होने पर तिल खाना शुभ होता है। मकर संक्रांति पर स्नान व दान का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान को काफी शुभ माना गया है। सूर्य के उत्तरायण होने से खरमास समाप्त होते हैं और शुभ कार्य के लिए समय शुरू हो जाता है।
शिक्षकों ने बच्चों को इस पर्व पर स्नान, दान, देव एवं तीर्थ दर्शन के महत्व के बाबत विस्तार पूर्वक जानकारी दी। मौके पर शिक्षक अनिल कुमार, आकाश कुमार, स्नेहल, एकता तिवारी, श्रुति, मनाली एवं कोमल बर्णवाल ऑनलाईन उपस्थित थे।