बरवाडीह में हुए पथराव की घटना के दुसरे दिन गिरिडीह पुलिस ने 13 आरोपियों को भेजा जेल
सदर विधायक सोनू की अपील पर मृतक के परिजन को मिला 11 लाख का मुआवजा
गिरिडीहः
मुंद्रा राईस मिल के कर्मी सद्दाम आलम के संदिग्ध मौत के बाद रविवार की देर रात मृतक के गांव वालों द्वारा गिरिडीह प्रशासन पर किए गए पथराव के खिलाफ दुसरे दिन सोमवार को जहां 28 आरोपियों और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया। वहीं दुसरे दिन सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के अपील पर मुंद्रा राईस मिल के मालिक आदित्य अग्रवाल ने मृतक के परिजनों को 11 लाख 25 हजार का मुआवजा सौंपा। इस दौरान सर्किट हाउस में सदर विधायक सोनू और सदर एसडीपीओ अनिल सिंह, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चाौधरी के मौजूदगी में मृतक कर्मी सद्दाम के पिता को मुआवजा का भुगतान किया गया। तो सोमवार को कार्यपालक दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार के आवेदन पर मुफ्फसिल थाना पुलिस ने थाना कांड संख्या 07/22 दर्ज करतेहुए धारा 147/148/149/332/333/338/186/189/353/और 283 के गैरजमानतीय धाराओं के तहत सरकारी काम में बाधा डालने, महामारी को धत्ता बताकर रोड जाम करने और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों समेत पुलिस जवानों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केस दर्ज किया। कार्यपालक दडांधिकारी के फर्द बयान पर 28 आरोपियों को नामजद अभियुक्त तो 500 सौ अज्ञात पर भी केस दर्ज किया गया। रविवार की देर रात सड़क जाम के दौरान सिमरियाधौड़ा के युवकों द्वारा टायर जलाकर सड़क जाम को हटाने की अपील के बाद युवकों द्वारा किए गए पथराव के दौरान पुलिस ने 13 युवकों को गिरफ्तार किया था। वैसे गिरफ्तार आरोपियों को छोड़ने को लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं की पैरवी भी इस दौरान खूब होता रहा। लेकिन घटना से गुस्साएं पुलिस पदाधिकारी आरोपियों को छोड़ने को तैयार नहीं थे। लिहाजा, गिरफ्तार 13 नामजद आरोपियों को दुसरे दिन सोमवार को कोरोना टेस्ट और मेडिकल जांच के बाद जेल भेज दिया गया।
जेले भेजे गए नामजद आरोपियों में मो. शाहाबााज, मो. गुलाबोद्दीन, सिकंदर अंसारी, मेराज अंसारी, साजिद दर्फ शेरु, मोबिन अख्तर, मुन्ना अंसारी, सरफूद्दीन अंसारी, सन्नी अंसारी, सिराज उर्फ ननकू, सरफराज उर्फ छोटू ड्राइवर, शमीम अंसारी और अरमान अंसारी को जेल भेजा गया। वैसे देर रात की घटना के दौरान हिंसक भीड़ को संभालने में पुलिस जवानों के भी छक्के छूट गए। क्योंकि घटना के बाद पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी मौजूद नहीं था। और घटनास्थल में मौजूद अधिकारियों द्वारा वरीय अधिकारियों को फोन किए जाने के बाद भी वरीय अधिकारियों का कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था। लिहाजा, इसे लेकर भी वहां मौजूद जवानों में वरीय अधिकारियों के प्रति गुस्सा साफ तौर पर दिख रहा था। एक घंटे बाद जब पहले एसपी अमित रेणु और उसके कुछ देर बाद डीसी राहुल सिन्हा पहुंचे, तो दोनों अधिकारियों ने सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए वहां पहले से मौजूद अधिकारियों को कई निर्देश दिए।