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मांस और शराब की ब्रिकी के खिलाफ गिरिडीह के मधुबन में तीर्थयात्रियों समेत कोठी कर्मियों ने निकाला विरोध जुलूस

गिरिडीहः
जैन समुदाय के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन में मांस और शराब के कारोबार ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन को सवालों के घेरे में आने के लिए मजबूर कर दिया है। मंगलवार को दिगंबर और श्वेतांबर जैन तीर्थ कोठियों के प्रबंधकों के साथ मधुबन समेत दुसरे राज्यों से आएं तीर्थयात्रियों ने इसके विरोध में जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बड़े संख्या में जैन तीर्थयात्री के साथ कोठियों के कर्मी और महिला तीर्थयात्री भी शामिल हुई। और मांस व शराब के बढ़ते अवैध कारोबार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान एक-एक तीर्थयात्री और कर्मियों के हाथ में विभिन्न नारों से लिखी तख्तियां थी। तख्तियों में अहिंसा अपनाओ, हिंसा दूर भगाओ, भगवान पाश्र्वनाथ समेत तीर्थंकरो के निर्वाण भूमि में मांस और शराब की ब्रिकी पर रोक लगाओ समेत कई प्रकार नारे लिखे हुए थे। मधुबन में निकले इस विरोध प्रदर्शन जुलूस के दौरान तीर्थयात्रियों ने कहा कि समूचा विश्व के जैन समुदाय इतने बड़े निर्वाण भूमि में मांस और शराब ब्रिकी से आहत है। क्योंकि जैन समुदाय के साथ पूरे विश्व को भगवान महावीर ने सिर्फ अहिंसा परमो धर्म का संदेश दिया। अब ऐसे में इतनी पवित्र भूमि में इनके अवैध कारोबार ने जैन समुदाय को आहत पहुंचाया है। विरोध जुलूस मधुबन स्थित कोठी से निकलते हुए पूरे मधुबन का दौरा किया। और मधुबन थाना पहुंचा, जहां प्रदर्शन में शामिल यात्रियों समेत कोठी प्रबंधक और कर्मियों ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप कर अवैध कारोबार पर रोक लगाने का मांग किया। बताते चले कि इसे पहले भी मधुबन में जब-जब मांस और शराब के अवैध कारोबार बढ़ा है तो मधुबन के तीर्थक्षेत्र कमेटी, बीसपंथी कोठी, उत्तर प्रर्देश प्रकाश भवन, सिध्यातन ट्रस्ट समेत कई कमेटियों ने इसका विरोध किया है।

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