आजसू ने की जनसंख्या अनुपात में ओबीसी का आरक्षण की मांग, ओबीसी मोर्चा ने दी बधाई
- प्रदेश अध्यक्ष ने कहा यह ओबीसी मोर्चा के संघर्षों की जीत
- आजसू ओबीसी समुदाय की लड़ाई ईमानदारी से लड़ती तो कब का मिल गया होता आरक्षण: राजेश गुप्ता
रांची। आजसू पार्टी के पिछड़ा वर्ग विंग ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुशंसा जनसंख्या अनुपात में ओबीसी को आरक्षण देने की मांग की है। आजसू पार्टी द्वारा जनसंख्या अनुपात में ओबीसी का आरक्षण की मांग करना राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के संघर्ष का परिणाम है। देर से ही सही इस मांग की आवाज को बुलंद करने के लिए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा बधाई देता है। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि यदि आजसू सुप्रीमो इमानदारी से ओबीसी समुदाय की लड़ाई लड़ी होती तो ओबीसी का आरक्षण रघुवर सरकार में ही जरूर बढ़ जाती और इसका लाभ ओबीसी के लाखों छात्रों को मिल रहा होता। इसलिए राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा आजसू सुप्रीमो से अपील करता है कि वे ओबीसी समुदाय की लड़ाई इमानदारी से लड़े तो सफलता निश्चित मिलेगी।
कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा राज्य में ओबीसी समुदाय को जनसंख्या अनुपात में 52 प्रतिशत आरक्षण देने की लड़ाई लगातार लड़ता रहा है। कई आंदोलन के पश्चात राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जनसंख्या अनुपात में आरक्षण देने की वकालत राज्य सरकार से पिछले वर्ष की थी। बावजूद कई राजनीतिक दल व सामाजिक संगठन 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते रहते थे। जिसके लिए राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने वैसे पार्टियों और सामाजिक संगठनों को कई बार फटकार भी लगाई थी।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने लगातार अपने आंदोलनों में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 15(4), 16(4) में स्पष्ट है कि सभी वर्गों को उसके जनसंख्या अनुपात में आरक्षण का प्रावधान है। उसी के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को उनके जनसंख्या अनुपात में आरक्षण मिलता है, वहीं राज्य में ईडब्ल्यूएस (अगड़ी जातियों) की संख्या इस राज्य में 10 प्रतिशत से भी कम है, बावजूद उन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने अनुशंसा में ओबीसी की आबादी 55 प्रतिशत बताया है, तो ओबीसी समुदाय के उनकी जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए। यह सवाल लगातार ओबीसी मोर्चा उठाते रहा है।