जमीन पर स्वामित्व को ले ग्रामीणों ने सीओ कार्यालय के समक्ष दिया धरना
बीडिओ के समझाने के बाद लौटे वापस
गिरिडीह। जमीन विवाद से फिलहाल कोई इलाका अछूता नहीं है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन का अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को ग्रामीण लाॅकडाउन के लगे प्रतिबंध के बीच प्रदर्शन के लिए सदर अचंल कार्यालय पहुंच गई। झाडू लेकर प्रदर्शन के लिए पहुंचे ग्रामीण अचंल कार्यालय के मुख्य गेट को जाम कर धरना पर बैठ गये और अचंलाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेत्तृव मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के पांडेयडीह गांव निवासी कृष्णा मरीक कर रहे थे। वहीं ग्रामीणों में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी। करीब आधे घंटे प्रदर्शन के बाद बीडिओ गौतम भगत प्रदर्शनकारियों से वार्ता के लिए पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की।
माखन लाल पर ग्रामीणों ने जमीन को हड़पने का लगाया आरोप
इस दौरान बीडिओ का कहना था कि लाॅकडाउन में धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह से पांबदी है। इसके बाद भी वे लोग अचंल सह प्रखंड कार्यालय को घेर कर प्रदर्शन कर रहे है। बीडिओ के समझाने के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि वे लोग उचित मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। उनके जमीन को शहर के माखन लाल जालान हड़पने के प्रयास में है। ऐसे में जमीन को जालान से मुक्त कराने के लिए प्रदर्शन करना जरुरी था। वार्ता के दौरान बीडिओ गौतम भगत प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर वापस भेजा।
सीओ ने अपने आदेश में स्वामित्व का अधिकार दिया माखन लाल जालान को
इधर पांडेयडीह के जिस प्लाॅट को लेकर कृष्णा मरीक अपने समर्थकों के साथ अचंल कार्यालय प्रदर्शन करने पहुंचे थे। उस प्लाॅट का स्वामित्व माखन लाल जालान को सदर अचंल के सीओ रवीन्द्र सिन्हा पहले ही घोषित कर चुके है। सीओ ने बीतें 8 सितबंर के दिए आदेश में बताया कि पांडेयडीह का खाता नंबर छह का प्लाॅट नंबर 391, 392 और 393 के मालिक माखन लाल जालान है। वहीं इस प्लाॅट पर दावा कर रहे कृष्णा मरीक के आपत्ति को सीओ पहले ही मानने से इंकार कर चुके थे। इसके बाद कृष्णा मरीक अपने समर्थकों के साथ अचंल कार्यालय प्रदर्शन के लिए पहुंच गए। सीओ ने अपने दिए आदेश में यह भी कहा कि कृष्णा मरीक से प्लाॅट से जुड़े जिन दस्तावेजों को मांगा गया था। वह उनके पास फिलहाल नहीं है।