अगस्त क्रांति पर भाकपा माले, किसान महासभा और दवा विक्रय प्रतिनिधी ने गिरिडीह में किया विरोध प्रदर्शन
गिरिडीहः
अगस्त क्रांति के मौके पर सोमवार को भाकपा माले और किसान महासभा के गिरिडीह कमेटी ने कृषि कानूनों के खिलाफ शहर में विरोध मार्च निकाला। माले नेता राजेश यादव के नेत्तृव में निकले विरोध मार्च में दोनों संगठनों के नेता और कार्यकर्ता लाल झंडा लिए शहर में प्रदर्शन किया। और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध मार्च में माले नेता राजेश सिन्हा के अलावे निशांत भास्कर, लालजीत दास, संजय चाौधरी, सोनल अंसारी, उगनी देवी, पिंटू रजवार समेत कई शामिल थे। शहर के झंडा मैदान से निकले दोनों संगठनो के विरोध मार्च के दौरान कार्यकर्ता जहां एक तरफ मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। तो वहीं दुसरी तरफ संगठनो के नेता व कार्यकर्ताओं द्वारा तीनों कृषि काननू को वापस लेने की मांग के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन करते हुए किसान महासभा और भाकपा माले का विरोध मार्च शहर के टावर चाौक पहुंचा। जहां माले नेताओं ने कहा कि नौ अगस्त के दिन ही अंग्रेजो से देश की मुक्ति के लिए अगस्त क्रांति देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। उस वक्त भी कई गलत कानून जनता पर थोपे गए थे, आज मोदी सरकार हिटलरशाही रवैया अपनाते हुए किसानों पर काले कानून थोप रही है। तो दुसरी तरफ विरोध करने वालों को देशद्रोही करार दिया जा रहा है। विरोध मार्च के दौरान माले और किसान महासभा ने बढ़ती मंहगाई और पैक्सों में दिए धान का भुगतान किसानों को वक्त पर करने का मांग भी उठा। इधर विरोध मार्च में नाौशाद अहमद चांद, प्रीति भास्कर, रंजीत राम, मनोज यादव समेत कई मौजूद थे।
इस बीच अगस्त क्रांति को लेकर ही झारखंड-बिहार दवा विक्रेता यूनियन ने भी शहर में विरोध प्रदर्शन किया। यूनियन के नेताओं ने भारत बचाओ और काॅरपोरेट सेक्टर देश छोड़ो की नारेबाजी करते हुए शहर में यूनियन का झंडा लिए निकले। और टावर चाौक पहुंच कर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में यूनियन के राज्य सचिव मृदुल कांति दास, सुरज कुमार अग्रवाल, देवाशीष मुखर्जी, जीतेन्द्र सिंह, सौरभ कुमार समेत कई मौजूद थे।