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ओबीसी मोर्चा ने रांची सांसद संजय सेठ को प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

  • जाति आधारित जनगणना कराने की रखी मांग
  • सांसद संजय सेठ ने मामले को संसद में उठाने का दिया आश्वासन

रांची। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के महानगर अध्यक्ष राजू गोप के नेतृत्व में अजय चौधरी, संजीव जयसवाल, सुधीर राय, मिथिलेश प्रसाद आदि ने जाति आधारित जनगणना कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को रांची सांसद संजय सेठ को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। मौके पर सांसद संजय सेठ ने मोर्चा की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि ओबीसी मोर्चा की यह मांग वाजिब है देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने इस मामले को संसद में उठाने की बात कही।

मोर्चा के लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा देशव्यापी आंदोलन के तहत देश में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग कर रही है। जातीय जनगणना नहीं होने से बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। जिससे इन्हें प्राप्त होने वाली सरकारी सुविधाओं व अधिकारों से वंचित होना पड़ता है।
सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला-पुरुष अल्पसंख्यक, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे आदि की गणना की जाती है और उनके आंकड़े के अनुसार विकास की रूपरेखा खींची जाती है।


आजादी के बाद से ओबीसी समुदाय की गिनती आज तक नहीं की गई है। 1980 में मंडल कमीशन ने भी जातीय जनगणना कराने की अनुशंसा सरकार से की थी। देश में ओबीसी समुदाय का सही आंकड़ा नहीं है तो नीति आयोग ओबीसी समुदाय के लिए विकास का खाका कैसे खींचेगी? जनगणना नहीं होने से ओबीसी समुदाय की स्थिति दोयम दर्जे की हो गई है और यह समाज विकास से कोसों दूर होती जा रही है।

2011 में ओबीसी समुदाय का सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना हुई थी। जिसका रिपोर्ट 3 जुलाई 2015 में तत्कालीन मंत्री अरुण जेटली ने उजागर किया और कहा कि इसमें करोड़ों त्रुटियां है और इसका रिपोर्ट प्रकाशित नहीं किया गया। बाद में केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की थी कि अगली जनगणना जाति आधारित कराई जाएगी। परंतु अभी तक जाति आधारित जनगणना कराने की कोई सूचना नही दी गई है।

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