निर्जला एकादशी पर लोगों ने रखा व्रत, किया पारण
बाबा श्याम की एकादशी पर किया गया ताली किर्तन
भस्म श्रृंगार के साथ अखंड ज्योत का हुआ आयोजन
कोडरमा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी सोमवार को मनाया गया। इसे भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है। श्रद्धालु 24 घंटे बिना अन्न और जल ग्रहण किए इस व्रत को रखते हैं। व्रत का पारण दूसरे दिन द्वादशी तिथि में स्नान करने के बाद किया गया। पंडित जीवकांत झा ने बताया कि निर्जला एकादशी व्रत कठोर तपस्या है। इससे विष्णुलोक की प्राप्ति के साथ नरक के कष्ट से बचाव हो जाता है। इस व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु अथवा शालीग्राम शिला को स्नान कराकर जल को पान किया जाता है। इससे अकाल मृत्यु नहीं होती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहीं बाबा श्याम की एकादशी पर ताली किर्तन, भस्म श्रृंगार के साथ अखंड ज्योत का आयोजन किया गया। सोमवार की रात्रि में पानी टंकी स्थित श्याम मंदिर में किया गया। जहां भगवान श्री श्याम का आलोकित श्रृंगार, अखंड ज्योत ओर सवा मणि का प्रसाद भोग लगाया गया। ताली किर्तन में रवि दाहिमा, गिरधारी सोमानी, सज्जन खेतान के द्वारा किर्तन की है रात, बाबा आज था न आनों है, मेरी जो लाज है बाबा तेरो हाथ है तथा धन्य घड़ी धन्य भाग्य हमारो, लिलो घोड़ों चढ़ प्रभु श्याम पधारो …….जैसे भजनों पर श्रद्धालु भक्त झुमते रहे। कोविड 19 की वजह से केवल दस से पंद्रह ही श्रद्धालु भक्त पहूंचे। इसमें मुख्य रूप से महावीर खेतान, हिमांशु केडिया, मनोज चैधरी, पप्पू सिंह, मनोज पिलानीया, विपुल चैधरी, संजु पिलानिया, गिरधारी फतेसरिया, संजय शारडा, कुसुम चैधरी आदि उपस्थित थे। मंगलवार की सुबह ग्यारस की पूजा अर्चना हुई और बाबा श्याम को खीर चूरमा का भोग लगाया गया।