बाल श्रम के खिलाफ चलाया गया हस्ताक्षर अभियान
गिरिडीह। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल पंचायत के बच्चों एवं समूह के लोगों ने सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए डोर टू डोर दस्तखत अभियान चलाकर लोगों को बाल श्रम के खिलाफ एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान का नेतृत्व बाल पंचायत के बच्चों के द्वारा किया गया। मौके पर मौजूद महुवरी सलाहकार समिति के अध्यक्ष मथुरा प्रसाद यादव ने बताया कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी की लंबी लड़ाई और संघर्ष का प्रतिफल है कि आज दुनियां भर के लाखों बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है। हम बाल मित्र ग्राम के लोग बाल श्रम के खिलाफ जारी संघर्ष में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ कदम से कदम मिलाकर मिलाकर चलने का संकल्प लेते हैं।
कैलाश सत्यार्थी का है अथक प्रयास
उपरेली कहुवाई बाल पंचायत की सदस्य सपना कुमारी ने कहा कि वे लोग बाल मित्र ग्राम के माध्यम से बाल श्रम मुक्त समाज बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान हो, हर बच्चा विद्यालय में हो, इसे लेकर बाल पंचायत निरन्तर काम कर रही है। सत्यार्थी फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी की दूरदृष्टि, इच्छाशक्ति लंबी लड़ाई और अथक प्रयास के बाद बाल केंद्रित सोच का माहौल पैदा हुआ है। लाखों बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराकर शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ा जा चुका है। दुनियां भर की सरकारों ने कैलाश सत्यार्थी द्वारा उठाये गए मुद्दे को स्वीकार करते हुए बाल श्रम के खिलाफ अभियान चलाया है।
इनका रहा सराहनीय योगदान
अभियान में बाल मित्र ग्राम खेसनरो, उपरेली कहुवाई और महुवरी बाल पंचायत के बच्चे और समूह के लोगों ने चढ़-बढ़ कर हिस्सा लिया। अभियान को सफल बनाने में मथुरा प्रसाद यादव, कृष्णा प्रसाद यादव, सरिता देवी, प्रीतम कुमारी, सत्यार्थी फाउंडेशन के सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, मो आरिफ अंसारी, कृष्णा पासवान, विरेन्द्र यादव, विक्कू कुमार, सुरेन्द्र सिंह सहित अन्य लोगों का अहम योगदान रहा।