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दडांधिकारी और डीआई ने गिरिडीह के नव अल्ट्रासांउड का किया निरीक्षण, मरीजों की शिकायत पर टाईम स्लाॅट बनाकर जांच का दिया सुझाव

कई दवा दुकानों का निरीक्षण कर दुकान संचालकों को कालाबाजारी नहीं करने का दिया अल्टीमेटम

निर्धारित दर से अधिक के फीस वसूली की मिली गलत शिकायत

गिरिडीहः
कोरोना से कराहते गिरिडीह में सीटी स्कैन के सरकारी दर से अधिक के वसूली की जांच करने मंगलवार को अधिकारी बोड़ो पहुंचे। और बोड़ो स्थित नव अल्ट्रासांउड सेंटर का जांच किया। जांच टीम में दडांधिकारी धीरेन्द्र कुमार और औषधी निरीक्षक अमित कुमार भी शामिल थे। जिस वक्त दोनों अधिकारी नव अल्ट्रासांउड केन्द्र पहुंचे। उस वक्त जांच कराने के लिए काफी संख्या में मरीज पहुंचे थे। तो जांच की शुरुआत ही अधिकारियों ने वहां सीटी स्केन कराने मरीजों से जानकारी लेकर किया। इस दौरान कई वहां मौजूद कई मरीजों ने अधिकारियों को बताया कि जांच शुल्क के लिए कोई अधिक दर नहीं देना पड़ रहा है। दरअसल, सीटी स्कैन के लिए पहले से ही राज्य सरकार ने दर कर रखा है। इसमें छाती की जांच के लिए तीन हजार तो शरीर के दुसरे हिस्से के जांच के लिए 3500 सौ निर्धारित है। जबकि सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित को पिछले कई दिनों से लगातार शिकायत मिल रही थी कि नव अल्ट्रासांउड के चिकित्सक डा. शैलेन्द्र चाौधरी द्वारा सीटी स्कैन को लेकर कोरोना के बुरे हालात में मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। इस दौरान जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने कुछ हद तक इन आरोपों को गलत ही पाया। लेकिन जानकारी लेने के दौरान कई मरीजों ने बताया कि चिकित्सक डा. शैलेन्द्र चाौधरी द्वारा मरीजों का रजिस्ट्रेशन करने के बाद रजिस्ट्रर्ड नंबर के मरीजों की जांच में एक सप्ताह का वक्त लगा देते है।

कमोवेश, ऐसी शिकायत कई मरीजांे का रहा। मरीजों के शिकायत के आधार पर दडांधिकारी और औषधी निरीक्षक ने चिकित्सक डा. चाौधरी से कारण पूछा। लेकिन चिकित्सक डा. चाौधरी के पास कोई जवाब नहीं मिला। यही नही मौके पर एक मरीज के परिजन अधिकारियों के मौजूदगी में ही डाॅक्टर चाौधरी का शिकायत करने लगे। परिजन के इस शिकायत पर भी डाॅक्टर चाौधरी के पास कोई जवाब नहीं था। इस पर अधिकारियों ने चिकित्सक को जांच करने की प्रकिया में सुधार लाने का हिदायत देते हुए सुझाव दिया कि एक टाईमस्लाॅट बनाकर मरीजों की जांच करें। इसे मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने शहर के कविता मेडिकल, हिन्दुस्तान मेडिकल समेत कई दवा दुकानों का भी जांच किया। इस दौरान अधिकारियों ने जांच में जीवन रक्षक दवाईयों के स्टाॅक को देखा। और दुकान संचालकों को निर्देश दिया कि दवाओं की कालाबाजारी की शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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