गिरिडीह स्वास्थ विभाग को मिला साढ़े सात हजार वैक्सीन का नया स्टाॅक, नए उम्र सीमा के लिए संभव होता नहीं दिख रहा टीकाकरण
नए उम्र सीमा के कितने लाभार्थियों ने कराया निबंधन, बता पाने में स्वास्थ विभाग खुद भी लाचार
असमंजस में फंसे स्वास्थ विभाग का दावा अब तक दो लाख लोगों को लग चुका है वैक्सीन
गिरिडीहः
कोरोना के टीकाकरण में गिरिडीह में भी कमी देखी जा रही है। स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड के टीकाकरण को लेकर पहले जिस तेजी के साथ निबंधन का कार्य चल रहा था। अब उस तेजी जिले में नजर नहीं आ रही है। हालांकि स्वास्थ विभाग का दावा है कि अब तक जिले में दो लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुका है। वैसे टीकाकरण में आई कमी का कारण जानने का प्रयास सिविल सर्जन डा. सिद्धार्थ सन्याॅल से किया गया। लेकिन कई बार काॅल करने के बाद भी सिविल सर्जन का नंबर रिसीव नहीं किया गया। अब ऐसे में स्वास्थ विभाग का यह दावा कितना सही है यह तो विभाग के पदाधिकारी ही स्पस्ट कर सकते है। लेकिन टीकाकरण को लेकर एक सच्चाई यह भी है कि 1 मई से गिरिडीह जिले में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगने वाले वैक्सीननेशन संभव होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि वैक्सीन का स्टाॅक खत्म होने के बाद बुधवार को ही साढ़े सात हजार का नया स्टाॅक गिरिडीह स्वास्थ विभाग को उपलब्ध कराया गया है। इसकी पुष्टि भी स्वास्थ विभाग के सूत्रों ने ही किया है। लिहाजा, साढ़े सात हजार के नए स्टाॅक से स्वास्थ विभाग कितने नए लाभार्थियों को वैक्सीननेशन कर पाएगा। यह समझा जा सकता है। तो दुसरी तरफ जिले में 18 साल से अधिक उम्र के कुछ लाभार्थियों द्वारा ही टीकाकरण को लेकर रजिस्ट्रेशन कराने की बात सामने आई है।
वैसे टीकाकरण को लेकर तय किए गए नए उम्र सीमा की कोई जानकारी देने में फिलहाल स्वास्थ विभाग खुद भी लाचार दिख रहा है। क्योंकि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन से जुड़े कई स्वास्थ कर्मी खुद ही कोरोना संक्रमित होने के कारण पिछले सप्ताह दिनों से होम आइसोलेशन में रह रहे है। कोरोना संक्रमित कई कर्मियों की हालात ऐसी है कि वो घर पर रहकर भी कोरोना और वैक्सीनेशन से जुड़े कार्य नहीं कर पा रहे है। वैसे भी पहले ही पांच लाख लाभार्थियों को वैक्सीनेशन का लक्ष्य तय कर दिया गया था। अब जबकि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगना है तो जिले को महज साढ़े सात हजार कोविशील्ड का स्टाॅक उपलब्ध कराया गया है। जो उंट के मुंह में जीरे के समान ही है। लिहाजा, नए स्टाॅक से नए लाभार्थियों को वैक्सीनेट किया जाएगा या दुसरे डोज लेने वालों को टीकाकरण होगा। इस असमंजस में खुद स्वास्थ विभाग भी उलझा हुआ है।