55 घंटे से जारी टाना भगतों का आंदोलन मुख्यमंत्री के बुलावे के बाद समाप्त
झारखण्ड। झारखंड में पिछले 55 घंटों से अपनी मांगों को लेकर रेलवे पटरी पर बैठे टाना भगतों का आंदोलन खत्म हो गया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन्हें बातचीत के लिए रांची बुलाया है। जमीन के मालिकाना हक और छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी एक्ट) में बदलाव की मांग को लेकर टाना भगतों का चल चहा आंदोलन मुख्यमंत्री के बुलावे के बाद खत्म हो गया। टाना भगतों का कहना है कि सीएनटी एक्ट के मुताबिक जमीन का मालिकाना हक टाना भगतों, ऊंराव, खड़िया और मुंडा जनजाति का है।
कोयला कारोबार पर पड़ रहा था असर
गौरतलब है कि टाना भगत अपनी मांगों को लेकर पिछले 55 घंटों से लातेहार में बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड के टोरी जंक्शन के पास पटरी पर आंदोलन कर रहे थे। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए लातेहार डीसी जिशान कमर ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की और उन्हें मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए मनाया। इसके बाद बीती रात को टाना भगतों ने आंदोलन खत्म कर दिया। टाना भगतों के आंदोलन के कारण 70 मालगाड़ियों का पहिया रूका हुआ था। जिसके कारण कोयला परिवहन पर भारी असर पड़ा था।