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30 अपराधिक मामलों में फरार एनएसपीएम के सरगना को गिरिडीह के बगोदर पुलिस ने हथियारों के साथ दबोचा

लेवी में मिले पैसों को लेकर हुए विवाद में भी दो साथियों की हत्या मंे था शामिल

गिरिडीहः
नक्सली संगठन से अलग हो कर समानांतर प्रतिबंधित अपराधिक गिरोह एनएसपीएम गिरोह चलाने वाले सरगना उमेश गिरि उर्फ उमेश पांडेय उर्फ उमेश दास को गिरफ्तार कर गिरिडीह पुलिस महसूस कर रही है। दो दिन पहले नेपाल और बिहार से सटे सीमावर्ती इलाके के गांव से गिरफ्तार कर गिरिडीह लौटे बगोदर पुलिस के साथ शनिवार को एसपी अमित रेणु और एसडीपीओ नौशाद आलम ने प्रेसवार्ता किया। हालांकि प्रेसवार्ता के दौरान एसपी ने इस कुख्यात अपराधी उमेश को बगोदर के बिस्माईल जंगल से गिरफ्तार किए जाने की बात कहा है। लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो डीआईजी के निर्देश पर गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग की तीन जिलों की पुलिस टीम तैयार किया गया। और एक सप्ताह के भीतर तीनों जिलों की पुलिस टीम ने बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, नवादा, गया के साथ बंगाल के मुर्शिदाबाद, बर्दमान, कोलकाता, हावड़ा और मुंबई से सटे पुणे, नासिक, औरगांबाद समेत कई महानगरों में छापेमारी किया।
लेकिन गिरिडीह पुलिस ने इस कुख्यात अपराधी और एनएसपीएम के सरगना उमेश गिरि को बिहार और नेपाल से सटे सीमावर्ती इलाके के गांव में छापेमारी कर दबोचा। जबकि इसके पास से देसी पिस्तौल और कई रांउड जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया। बगोदर के अटका का रहने वाला यह कुख्यात अपराधी पहले नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ था। लेकिन संगठन से अलग हो कर इसने खुद का एनएसपीएम संगठन तैयार किया। और संगठन में युवाओं को रिक्रूमेंट कर उन्हें वेतन देने का प्रलोभन देता, और अपराध का प्रशिक्षण दिया करता था। लिहाजा, प्रशिक्षित युवाओं से इस अपराधी ने ठेकेदारों और कारोबारियों से लेवी वसूलने के साथ लूट समेत कई और अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया करते थे।
प्रेसवार्ता के दौरान इस कुख्यात अपराधी उमेश गिरि के क्राइम हिस्ट्री की जानकारी देते हुए एसपी और एसडीपीओ ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार इसके सहयोगी अमित तिवारी उर्फ डीके, राजेश महतो, पिंटू महतो और कृष्णा महतो को 10 हथियारों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जबकि इसके संगठन को हथियार मुहैया कराने वाले बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी सूबोध सिंह समेत दर्जन भर अपराधियों को दबोचा गया। जिनसे पूछताछ में उमेश गिरि के संभावित ठिकानों में छिपे होने की जानकारी मिली। और इसके बाद इसे नेपाल और बिहार से सटे गांव में छापेमारी कर दबोचा गया।
एसपी ने बताया कि बगोदर के गैंडा गांव स्थित मुखिया श्मसेर आलम का अपहरण कर फिरौती के लिए चार दिन तक जंगल में छिपाकर इसी अपराधी ने रखा था। तो एक और मुखिया के बेटे ललन मेहता के पांव में गोली मारकर जख्मी किए जाने की घटना को अंजाम दिया था। जबकि बगोदर के धरगुल्ली में मिनी बैंक के संचालक से हथियार के बल पर पैसे लूट की घटना को इसी अपराधी ने अंजाम दिया था। इसी प्रकार संगठन का भय पैदा करने के लिए उमेश गिरि ने अपने गिरोह के कुछ साथियों के साथ बगोदर के बगोदरडीह पेट्रोल पंप में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। लेकिन उमेश गिरि ने आठ माह पहले एक बड़े घटना को अंजाम दिया था। जब इसने अपने गिरोह के दो साथी उमेश मंडल और संजीत तिवारी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दिया कि लेवी में मिले पैसे बंटवारे में दोनों उमेश से उलझ गए थे। और इसके बाद उमेश ने इन दोनों का भी हत्या कर दिया।

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