गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा पर्व में हुई कई अनुष्ठान
- मुहल्ले और झगरी मार्ग का किया गया नामकरण, गायत्री महायज्ञ को दी गई पूर्णाहुति
गिरिडीह। शहर के तिरंगा चौक स्थित गायत्री शक्तिपीठ सहित जिले के सभी प्रज्ञापीठ एवं चेतना केंद्रों में सोमवार को समारोह पूर्वक गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। इस दौरान गायत्री शक्तिपीठ में पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में लोगों ने अपने हाथों से यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान कर मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य एवं मंगलमय जीवन की कामना की। इस दौरान 27 लोगों ने वेद मंत्र गायत्री की दीक्षा ग्रहण कर वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के आदर्शाे पर चलने का और अपने जीवन की एक-एक बुराई छोड़ने का संकल्प लिया गया। साथ ही गायत्री महायज्ञ में शामिल लोगों ने इस वर्ष बरसात में पूरे प्रखंड में एक हजार पौधारोपण का भी संकल्प लिया।
गुरु पूर्णिमा के शुभ मौके पर शक्तिपीठ मोहल्ले का नामकरण किया गया और वेद माता गायत्री नगर नाम रखा गया। साथ ही गिरिडीह टुंडी रोड से झगरी मुख्य सड़क का नाम शक्तिपीठ पथ रखा गया। जिसका उद्घाटन नगर निगम के पूर्व प्रभारी मेयर प्रकाश सेठ के द्वारा विधिवत् रूप से की गई।
मौके पर शांतिकुंज प्रतिनिधि रामकुमार श्रीवास ने कहा कि मनुष्य के जीवन में सद्गुरु का होना परम आवश्यक है। सद्गुरु हमें जीवन में छाए हुए अज्ञान के अंधकार को दूर करते हैं और ज्ञान का प्रकाश प्रदान करते है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह, सतीश कुमार, दर्शन पंडित, दयानंद प्रसाद, भागीरथ प्रसाद सिंह, नरेश प्रसाद यादव, अरुण कुमार, प्रकाश गुप्ता, जय प्रकाश राम, अतुल कुमार, सुभाष कुमार, ऋषभ कुमार, बासुकी राय, तुलसी पंडित, महिला मंडल प्रभारी उर्मिला बरनवाल, पार्वती बरनवाल, पूनम गुप्ता, शीला देवी, कंचन सिन्हा, अर्चना देवी सहित गायत्री परिवार से जुड़े लोगों का सराहनीय योगदान रहा।