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नया जैन मंदिर में तीन दिवसीय सार्वजनिक दिव्य सत्संग शुरू

  • जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी: विशल्य सागरजी
  • अपने अंदर की आत्मा को जागृत करने की जरूरत: शालिनी गुप्ता

कोडरमा। समय अनमोल है समय को जो मनुष्य समझता है वो समय को मूल्यावान भी मानता है। इसलिए समय का मनुष्य को सदउपयोग करना चाहिए। वक्त के साथ जो चलता है उसकी किस्मत भी बदलती है और किस्मत को लेकर कोई सोना खरीद लेता है तो जीवन को सोकर बर्बाद कर देता है। जीवन बहुत ही सुंदर है और अच्छे कर्म करने से जिंदगी भी है और तकदीर भी। उक्त बातें मंगलवार को झुमरी तिलैया के पानी टंकी रोड स्थित नये जैन मंदिर में जैन संत 108 विशल्य सागरजी महाराज ने श्री जैन समाज के तत्वाधान में आयोजित सार्वजनिक दिव्य संत्संग में कही।

उन्होनेें कहा कि समय की कीमत क्या होती है जो छात्र एक साल के फेल होता है उससे पुछिये और एक दिन की कीमत क्या होती है वो मजदूर से पुछिये कि उन्हें कोई कार्य नहीं मिलता है तो वह सोचता है कि वह अजीविका कैसे चलायेगा। उसी तरह एक मिनट क्या होती है उनसे पूछिये जिनकी जिंदगी एक पल के लिए बच जाती है किसी व्यक्ति का ट्रेन एक मिनट के लिए छुट जाती है। मुनि श्री ने आगे कहा कि हमेशा जोडने की कोशिश किजीए तोडने की नहीं। संसार में सुई बनकर रहिए सुई दो को एक कर देती है और केैंची एक को दो कर देती है। जीवन में चार चीजों को कभी मत तोडिये, विश्वास, रिश्ता और वचन जब टुटते हैं कोई आवाज तो नहीं होती लेकिन दर्द बहुत होता है। उन्हें आगे कहा कि गाय घास कर दुध देती है और सांप दूध पीकर जहर उगलता है। ऐसे में हमें गाय से सीखने की जरूरत है।

मौके पर पूर्व जिला परिषद की अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि सत्संग हमें महान बनाता है और अपने अंदर की आत्मा को जगाने की जरूरत है। जिंदगी काम क्रोध लोभ मोह माया से निकलकर हमें मानवता के लिए भी कार्य करना चाहिए यही हमें धर्म सिखाता है। इस अवसर जैन समाज की नीलम सेठी और शशि छाबडा ने पूर्व जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता को शॉल पहनकर तथा मुनि श्री ने पुस्तक देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में मगला चरण नवीन पांडया ने किया जबकि चातुर्मास के संयोजक सुरेन्द्र काला ने मुनि श्री विस्तृत जानकारी दी। पंडित अभिषेक शास्त्री ने धर्म के बारे में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को बताया । इस अवसर सुशील छाबडा ललित सेठी , सुरेश पांडेया जयकुमार गंगवाल मनोज गंगवाल विकास पाटोदी, राज छाबडा आशा गंगावाल रूपेश छाबडा, राजकुमार अजेमरा, जय सेठी, सुनील छाबडा, पदम स्वरोगी, मिलन शाहवादी, राम प्रवेश पंाडेय, छोटेलाल पांडेय, पदम सवरागी, कंुज बिहारी त्रिवेदी, रामइकबाल सिंह अरूण ओझा, जयंती सेठ, सुषमा सुमन, रीता लोहानी, रेखा भदानी, अनिता चौधरी, युगल यादव, प्रदीप सुमन, अधिवक्ता विकास जैन आदि उपस्थित थे।

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