20 घंटे बाद मुजफ्फरपुर के युवक मनीष का शव बाबा दुखिया महादेव मंदिर के नदी से निकाला गया
गिरिडीहः
गिरिडीह जिला मुख्यालय के औद्योगिक इलाका स्थित बाबा दुखिया महादेव मंदिर के नदी से करीब 20 घंटे बाद 28 वर्षीय युवक मनीष यादव के शव को बाहर निकाल लिया गया। मृतक के मनीष के होंठ और दांए कान के हिस्से को मछलियां अपना भोजन बना चुकी थी। यह बाहर निकले शव ही हालत देखकर ही लगा रहा था। मृतक युवक का शव नदी में करीब 16 फीट नीचे धंस गया था। जिसे गिरिडीह के गोताखोर विनोद मिश्रा के अलावे सुनील मल्लाह, सुनील कुमार और श्रीकांत समेत कई गोताखोरो ने बाहर निकालने में सफलता पाया। बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे नदी से शव को बाहर निकाला गया। जबकि स्थानीय प्रशासन देवघर से एनडीआरएफ की टीम को बुलाने की तैयारी कर चुका था। लेकिन इसे पहले ही इन गोताखोरों की टीम ने युवक मनीष यादव के शव को बाहर निकालने में सफल रही। इस दौरान बाबा दुखिया महादेव नदी के समीप काफी संख्या में स्थानीय लोग जुटे थे। तो मृतक युवक के बहनोई हरेन्द्र यादव और पिता भी मुजफ्फरपुर से गिरिडीह आ चुके थे।
जबकि मुफ्फसिल थाना और महतोडीह पुलिस पिकेट की पुलिस मंगलवार शाम से ही दुखिया महादेव मंदिर में कैंप किए हुए थी। मनीष का शव निकलने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार गोताखोरों के टीम के तीन सदस्य ट्यूब नाव के सहारे नदी के दुसरे छोर में मनीष के शव की तलाश कर रहे थे। तो चार सदस्य नदी के भीतर शव को तलाश रहे थे। इस बीच काफी मशक्कत के बाद नदी के भीतर सुनील मल्लाह और श्रीकांत समेत अन्य युवा गोताखोरों ने करीब 15 फीट भीतर से मनीष के शव को खींच कर बाहर निकाला। गोताखोरों के अनुसार नदी के भीतर तलाश रहे गोताखोरों ने नदी तट से महज 10 मीटर की दूरी पर उसके शव को 15 फीट की गहराई से बाहर निकाला। क्योंकि उस स्थान पर एक गहरा खंडहर होने की बात गोताखोरों द्वारा किया गया। उस स्थान पर लंबा बांस भी डाला गया था। जो नदी के भीतर के खंडहर में धंसता गया। इसके बाद ही गोताखोरों को अनुमान हुआ कि शव इसी के भीतर धंस गया है। बताते चले कि मुजफ्फरपुर निवासी मनीष मंगलवार की शाम अपनी बहन के ससुराल अरगाघाट से अपनी बहन और दोनों भांजो को लेकर नए ट्रक की पूजा कराने गया हुआ था। जहां उसका एक भांजा जब नदी में बहन लगा, तो उसे बचाने के लिए मनीष नदी में कूदा। इसके बाद उसकी मौत 15 फीट भीतर डूबने से हुई।