गिरिडीह में 107 की करवाई से साउंड सिस्टम संचालकों का भड़का गुस्सा
- रामनवमी अखाड़ा समितियों को साउंड सिस्टम देने से किया इंकार
- हिंदू संगठनों ने भी वक्त नहीं बढ़ाने पर हेमंत सरकार और प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
गिरिडीह। शौर्य प्रकार्म का महापर्व और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जयंती रामनवमी को लेकर हेमंत सरकार के निर्णय और जिला प्रशासन द्वारा साउंड सिस्टम के संचालकों पर लागू पाबंदियों और 107 का नोटिस का विरोध अब गिरिडीह में खुलकर हो रहा है। जिला प्रशासन एक तरफ राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करने की दुहाई देते हुए अपनी मजबूरी जाहिर कर रही है। वहीं दूसरी तरफ गुरुवार को साउंड सिस्टम एसोसिएशन के रामजी प्रसाद के साथ संजय सिंह, अजय शिवानी समेत कई साउंड सिस्टम संचालक का बैठक शहर के बरमसिया पार्क में हुआ।
इस दौरान साउंड सिस्टम संचालकों ने स्थानीय प्रशासन द्वारा शहर के 27 साउंड सिस्टम संचलको पर धारा 107 की करवाई का विरोध किया गया। कई संचालकों ने कहा कि रामनवमी पर्व पर शहर के कोई संचालक अब किसी रामनवमी अखाड़ा समिति का बुकिंग नही करेगे। क्योंकि जिला प्रशासन सीधे तौर पर साउंड सिस्टम संचालकों पर 107 की कारवाई कर जिम्मेवार ठहरा रही है। जबकि संचालकों के साउंड सिस्टम की बुकिंग होने के बाद उनका कोई जिम्मेवारी नही रह जाता की बुकिंग करने वाले किस प्रकार का गीत और भजन बजा रहे है। सारी जिम्मेवारी बुकिंग के बाद बुकिंग करने वालो की हो जाती है। गिरिडीह में ये पहली बार जिला प्रशासन द्वारा साउंड सिस्टम संचालकों को 107 का कारवाई किया गया है। लिहाजा, अब बैठक में एक एक संचालकों ने निर्णय लिया है कि रामनवमी को लेकर किसी अखाड़ा समिति का बुकिंग नही किया जाएगा।
इस बीच गुरुवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के साथ कई भाजपा नेताओं ने डीसी से मिलकर अखाड़ा और झाकियों के तय वक्त को आगे बढ़ाने का मांग किया। इस दौरान पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, भाजपा नेत्री शालिनी वैशखियार के साथ भाजपा नेता विनय सिंह और विहिप के पूर्व नगर अध्यक्ष शिवपूजन कुमार, गोरक्षा प्रमुख रविशंकर पांडेय, रविंद्र स्वर्णकार, रीतेश पांडेय, गुड्डू यादव समेत कई नेता और कार्यकर्ता ने डीसी से मिलकर ज्ञापन सौंपते हुए मांग किया की हर हाल में अखाड़ा और झाकियों के निकालने का वक्त बढ़ाया जाएं। भीषम गर्मी में अखाड़ा और झांकी शहर भ्रमण के लिए संभव नहीं होगा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान भाजपा नेताओं और हिंदू संगठन के नेताओं ने यह भी कहा कि कई दशकों तक ऐसा फैसला नहीं लिया गया। जो इस बार हेमंत सरकार और जिला प्रशासन ने लिया है। ये पूरी तरह से रामभक्तों के भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला निर्णय है। अगर हेमंत सरकार कोई फैसला नहीं लेती है तो हिंदू संगठन भी गिरिडीह में उग्र आंदोलन को मजबूर होगा।