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महिला आयोग और राष्ट्रीय सेवा प्राधिकार ने किया गिरिडीह कोर्ट में महिला हिंसा पर सेमिनार का आयोजन

गिरिडीहः
गिरिडीह न्यायलय में राष्ट्रीय सेवा प्राधिकार और राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। महिला सुरक्षा विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा और कुटुंब न्यायलय की प्रधान न्यायधीश कुमारी रंजना अस्थाना समेत अन्य न्यायिक अधिकारियों ने दीप जलाकर किया। सेमिनार स्कूल की शिक्षिकाओं और सहिया और सखी मंडल के बीच आयोजित किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एंव सत्र वीणा मिश्रा ने कहा कि महिला सुरक्षा अब चुनौती नहीं। बल्कि समाज के लिए ही बेहद जरुरत का मुद्दा बन चुका है। क्योंकि समाज में महिला हिंसा की घटनाएं बढ़ रही है। ऐसे में सेमिनार में मौजूद हर शिक्षिकाएं, सहिया और सखी मंडल की सदस्याओं को यह समझना बेहद जरुरी है कि उन्हें स्कूलों में छात्राओं क्या और किस विषय पर जागरुक करना है। एक-एक बच्चियों को गुड टच और बेड टच की पूरी परिभाषा से अवगत कराना है। क्योंकि महिलाओं के प्रति ओछी सोच और गंदी नीयत की शुरुआत वही से होती है।


कुटुंब न्यायलय की प्रधान न्यायधीश कुमारी रंजना अस्थाना ने महिलाओं को वर्तमान हालात में कमजोर के बजाय समाज की एक शक्तिशाली व्यक्तिव बताते हुए कहा कि जब सरकार ने खुद ही गर्भ में पलने वाली बच्ची के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक कई सरकारी योजनाओं का प्रावधान तय कर दिया है। तो महिलाएं अब कमजोर कहां रह गई है। कुटुंब न्यायलय की प्रधान न्यायधीश ने कहा कि इस सेमिनार का मतलब सिर्फ चंद लोगों की भीड़ को भाषण देने तक सीमित नहीं रखकर समाज को महिलाओं के प्रति एक सकरात्मक सोच का मुद्दा बनाना है।
इस दौरान सेमिनार को विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप बर्तम, विधिक सेवा प्राधिकार की रिसोर्स पर्सन उर्मिला शर्मा और मीरा कुमारी ने भी संबोधित किया। तो सेमिनार में कई शिक्षिकाएं समेत सखी मंडल की सदस्याएं और सहियाएं मौजूद थी।

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