ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य में पंचायत चुनाव कराना गलत: राजेश गुप्ता
- राज्य सरकार पहले आरक्षण तय करें फिर कराये चुनाव
- मांग पूरी नही होने पर ओबीसी मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन को होगी बाध्य
रांची। ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य में पंचायत चुनाव कराने का जबरदस्त विरोध राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा करेगा। मोर्चा केंद्र और राज्य सरकार से मांग करती है कि इस मसले को अविलंब निपटारा करें उसके बाद ही राज्य में पंचायत चुनाव हो। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट का हवाला देकर पंचायत चुनाव में ओबीसी समुदाय के लाखों वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, जिला परिषद सदस्य को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। यह अधिकार संविधान प्रदत्त है। कहा कि यह अधिकार ओबीसी समुदाय को संविधान के तहत मिला है जिसे न्यायालय भी इनके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता है।
कहा कि पहले ही ओबीसी को सरकारी नौकरी में 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत आरक्षण को लेकर झारखंड सरकार धीमी चाल चल रही है और अब पंचायत में ओबीसी का आरक्षण को लेकर जिस कदर सरकार का रवैया दिखाई दे रहा है। उससे भविष्य में बिना आरक्षण के पंचायत चुनाव होने से लाखों ओबीसी प्रतिनिधियों का आरक्षण गंवाने का डर है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार तुरंत इस पर गंभीर हो और आरक्षण यथावत रहे इसकी कार्रवाई करें। अन्यथा राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य होगी।
प्रेस वार्ता में प्रदेश महासचिव योगेंद्र प्रसाद ठाकुर, वरिष्ठ समाजसेवी सुधीर प्रसाद, अभय कुमार से उपस्थित थे।