एक बार फिर टेंडर मैनेज करने को लेकर गिरिडीह जिला पर्षद में भिड़ा ठेकेदारों का दो गुट
ठेकेदारों के मारपीट के कारण जिला पर्षद में कुछ पल के लिए अफरा-तफरी का माहौल
घटना के बाद डीडीसी ने मामले का पता लगाने के बाद टेंडर रद्द कराएं जाने की कही बात
गिरिडीहः
योजना का टेंडर मैनेज करने को लेकर मंगलवार को गिरिडीह जिला पर्षद में एक बार फिर ठेकेदारों का दो गुट आपस में भिड़ गया। हालात यह हो गया कि एक गुट ने दुसरे गुट को मारने के लिए लाठी तक उठा लिया। इस दौरान एक गुट द्वारा लाठी निकलते देख दुसरे गुट के ठेकेदार भी बौखलाते हुए गाली-गलौज तक करना शुरु कर दिए। कुछ पल के लिए जिला पर्षद में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। जिला पर्षद के कर्मी भी भयवश इधर-उधर भागना शुरु कर दिए। वैसे जिला पर्षद में टेंडर को मैनेज किए जाने को लेकर हंगामा कोई नही बात नहीं है। जब-जब जिला पर्षद में टेंडर हुआ है। तब-तब ठेकेदारों के अलग-अलग गुट ने सारे नियमों को ताक पर रखकर आपस में मारपीट तक करने पर उतारु हुए है। इसकी कई बानगी अब तक देखने को मिलती रही है। लेकिन ना तो प्रशासन वैसे अधिकारियों पर ही कोई कार्रवाई करता है। और ना ही ठेकेदारों के खिलाफ ही प्रशासन की सख्ती रहती है। लिहाजा, जिला पर्षद अक्सर ठेकेदारी विवाद के कारण अखाड़ा बना रहता है। मंगलवार को भी ऐसा ही कुछ हुआ। ठेकेदारी को लेकर जिला पर्षद में इतना सब कुछ होने के बाद भी मामले को लेकर ना तो डीडीसी शशिभूषण मेहरा ही कुछ बोल रहे है और ना ही जिला पर्षद के कार्यपालक अभियंता विवेक रस्तौगी ही कुछ कहने को तैयार है। हालांकि डीडीसी ने कहा कि पूरे मामले से अवगत होने के बाद मंगलवार को होने वाले टेंडर को रद्द किया जाएगा। इसके बाद नया टेंडर पुलिस सुरक्षा के बीच कराया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिला पर्षद में जिले के कई योजनाओं को लेकर मंगलवार को टेंडर होना था। हर योजना में 35 प्रतिशत के गिरे हुए रैट पर टेंडर होना था। इन योजनाओं को लेकर ठेकेदारों के दो गुट आपस में मैनेज करने को प्रयास में थे। लेकिन अंत समय में मैनेज का सारा खेल बिगड़ा। तो दोनों गुट आपस में ही भिड़ गए। इस दौरान विवाद की शुरुआत पहले बहसबाजी से हुई। बहसबाजी ही मारपीट में तब्दील हो गया। इसी बीच एक गुट ने दुसरे गुट के ठेकेदारों को मारने के लिए लाठी निकाल लिया। लेकिन यह स्पस्ट नहीं हो पाया कि दोनों गुट किन इलाकों के थे। लेकिन जिला पर्षद कार्यालय सूत्रों की मानें तो एक गुट जहां शहर का था। तो दुसरा गुट बेंगाबाद का बताया जा रहा है। दोनों का संबध राज्य के विपक्षी दल से बताया जा रहा है। इस बीच जानकारी मिलने के बाद नगर थाना की पुलिस भी जिला पर्षद कार्यालय पहुंची। और ठेकेदारों को खदेड़ना शुरु की। तो पुलिस को देखते ही सारे ठेकेदार वहां से भागने में सफल रहे।