गांवा के 39 साल पुराने चर्चित हद्य नारायण हत्याकांड के तीन आरोपियों को गिरिडीह के फर्स्ट एडीजे ने सुनाया आजीवन कारावास की सजा
गिरिडीहः
36 साल पुराने गांवा के चर्चित हद्य नारायण सिंह हत्याकांड मामले में गिरिडीह के प्रथम अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश के कोर्ट ने तीन आरोपियों को सजा सुनाया है। बुधवार को प्रथम अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश गोपाल पांडेय के कोर्ट ने हत्याकांड में शामिल गांवा के डाबर के सेरुआं गांव निवासी सीटन सिंह उर्फ सिद्वेशवर सिंह, साधु पासी और मधुसूदन महतो उर्फ यादव को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है। बताते चले कि तीनों दोषियां को 15 दिन पहले ही फर्स्ट एडीजे के कोर्ट ने दोषी करार दिया था। वहीं बुधवार को सरकारी अधिवक्ता और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के दलीलों के आधार पर तीनों आरोपियों को हत्या की धारा 302/149 में आजीवन कारावास की सजा के साथ 20-20 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि भादवि की धारा 147 में दो साल की सजा तो 201 में तीन साल का सश्रम कारावास के साथ 10-10 हजार का जुर्माना लगाया है। बताते चले कि हद्य नारायण सिंह की हत्या 36 साल पहले गांवा के डाबर गांव के सेरुआं में साल 13 जूलाई 1989 को हुआ था। 10 अगस्त को मृतक का शव गांवा थाना क्षेत्र के कुसमाई पत्थलहिया अबरख खदान से बरामद किया गया था। मृतक के पिता जोबराज सिंह ने उस वक्त थाना को दिए आवेदन में पुलिस को जानकारी दिया था कि उनका बेटा हद्य नारायण सिंह और उनका पोता विंरची कुमार सिंह गांव में ही बरगद पेड़ स्थित मवेशियों के मकान में सोने गया हुआ था। इसी दौरान उनके बेटे को पुराने रंजिश में छोटन पासी, साधु पासी, सहदेव महतो, कांग्रेस महतो, सुंदर महतो, महेश महतो, मधुसूदन महतो उर्फ मधुसूदन यादव, भुनेशवर महतो, बालो महतो, साधुशरण सिंह, सीटन सिंह, मुकुन देव समेत कई आरोपियों ने पीट-पीट कर हत्या कर दिया था। और हत्याकांड के सारे आरोपी फरार हो गए थे। लेकिन कुछ आरोपियों को डेढ़ दशक पहले कोर्ट ने सजा सुनाया था। जबकि तीनों फरार आरोपियों को पुलिस ने कुछ महीनों पहले ही गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान तीनों आरोपियों सीटन सिंह, साधु पासी और मधुसूदन महतो को दोषी करार दिया गया था। जबकि बुधवार को तीनों को सजा सुनाया गया।