नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे पीरटांड़, डुमरी व मधुबन में तीन दिनों तक सर्च करने के बाद रांची लौटी एनआईए की टीम
- इलाके के इनामी नक्सलियों के जन्म से लेकर इनामी बनने में ग्रामीणों की भूमिका को किया सर्च
गिरिडीह। गिरिडीह जिले के नक्सल प्रभावित पीरटांड़, मधुबन और डुमरी को नक्सली संगठन भाकपा मााओवादी के दाग धोने में एनआईए जुट चुका है। पिछले दिनों के सर्च ऑपरेशन और कार्रवाई के बाद गुरुवार को एनआईए की टीम रांची लौट गई। इस दौरान एनआईए की टीम में शामिल इंस्पेक्टर संचित कुमार समेत कई पदाधिकारी पीरटांड़ और डुमरी के गांवो का खाक छानते रहे।
जानकारी के अनुसार पीरटांड़ के इनामी माओवदी पतिराम मांझी, साहेब राम, मिसिर बेसरा, पवन लंगडा और जेल में बंद कृष्णा हांसदा के गांवो में एनआईए की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया और पीरटांड, डुमरी और मधुबन को रक्तरंजित करने वाले इनामी माओवादी के गांवो के ग्रामीणों से मुलाकात की। फिलहाल तीनों दिनों के सर्च ऑपरेशन को लेकर जो बात छनकर सामने आई है। उसके अनुसार एनआईए की टीम ने कई ग्रामीणों को नोटिस देने के साथ ही पूछताछ के लिए रांची बुलाया गया है।
तीसरे दिन गुरुवार को रांची लौटने के क्रम में एनआईए की टीम के पदाधिकारी पीरटांड़ के लेड़वा और करणदो गांव के साथ ढोलकट्टा समेत कई गांव पहुंचे। माना जा रहा है कि यही वो गांव है जहां से सारे माओवादी जन्मे और हार्डकोर के कैटेगरी में आने के साथ ही चंद सालों में इनामी घोषित कर दिए गए।