छेड़खानी के गंभीर आरोपों का आरोपी गिरिडीह के मुफ्फसिल थाना से किसी और की ड्यूटी में हुआ था फरार, तो वरीय अधिकारियों ने ड्यूटी समाप्त हो चुके पदाधिकारी को कर दिया संस्पैड
पीड़िता की मां ने गंभीर आरोपों के तहत कराई केस दर्ज, लापरवाह मुफ्फसिल थाना की पुलिस ना तो मेडिकल जांच ही कराई, और ना ही 164 का बयान ही
लापरवाही और नाकामी के चर्चित होते मुफ्फसिल थाना से दो साल के भीतर आरोपी के फरार होने का यह दुसरा मामला
मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीह
नाकामी और लापरवाही के लिए चर्चित हो चुके गिरिडीह मुफ्फसिल थाना के प्रभारी की कुर्सी एक के बाद एक लगातार हो रहे वारदातों के बाद भी सुरक्षित है। बीतें शुक्रवार को इसी मुफ्फसिल थाना से कांड संख्या 222/20 में छेड़खानी के गंभीर आरोपों का आरोपी अनेशवर मंडल पुलिस गिरफ्त से फरार हुआ। तो मामला कहीं अधिक हाईलाईटेड नहीं हो जाएं। इसके लिए वरीय अधिकारी खुद को बचाने के लिए थाना के दो पुलिस कर्मियों को आनन-फानन में संस्पैड कर दिए। पुलिस सूत्रों की मानें तो घटना के वक्त आॅनड्यूटी पदाधिकारी किसी और के होने की बात सामने आई है। जबकि संस्पैड किए गए एएसआई राधेश्याम झा की ड्यूटी खत्म हो चुका था। आरोपी जहां तीन बजे के करीब फरार हुआ। तो एएसआई झा की ड्यूटी दोपहर 2 बजे समाप्त हो चुका था। खुद निलंबित एएसआई झा का भी फिलहाल यही दावा है। इसके बाद भी एएसआई को निलंबित कर दिया गया। तो वरीय अधिकारियों ने नाकामी और लापरवाही के कारण चर्चित हो चुके थाना प्रभारी को सिर्फ शोकाॅज कर कार्रवाई की औपचारिकता पूरा कर दिया। तो ड्यूटी समाप्त कर चुके एएसआई को संस्पैड कर दिया गया। इधर शनिवार को ही आरोपी के खिलाफ थाना में पुलिस को चकमा देकर फरार होने के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल आरोपी अनेशवर मंडल अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस आरोपी के जल्द गिरफ्तारी के दावे कर रही है। लेकिन इस मामले मुफ्फसिल पुलिस की लापरवाही यही तक सीमित नहीं है। क्योंकि जिस पीड़िता के साथ छेड़खानी की बात सामने आ रही है। उसका ना तो मेडिकल जांच ही कराई, और ना ही धारा 164 के तहत ही पुलिस पीड़िता का बयान तक दर्ज करा पाई। जबकि पीड़िता की मां ने गंभीर आरोप लगाकर केस दर्ज कराई है। वैसे मामले में कोई भी पुलिस पदाधिकारी जाब देने से कतरा रहे है। जबकि अधिवक्ताओं की मानें तो पीड़िता के साथ सिर्फ छेड़खानी हुई है या कुछ और। यह स्पस्ट तभी होगा, जब उसका मेडिकल जांच किया गया है। क्योंकि पीड़िता की मां ने गंभीर आरोप लगाकर केस दर्ज कराई है। वैसे मामले में जब वरीय अधिकारियों को काॅल कर पूरे मामले की जानकारी ली गई। तो किसी ने फोन तक नहीं उठाया।
हालांकि पीड़िता की मां ने जो आवेदन दिया है। उसके अनुसार आरोपी अनेशवर मंडल पीड़िता को अकेले पा कर उसके घर घुसा। और छेड़खानी करने लगा। पीड़िता की मां ने यह भी आरोप लगाया कि छेड़खानी के दौरान ही आरोपी ने सारे कपड़े फाड़ कर पीड़िता को निवस्त्र्र तक कर दिया था। इस दौरान हल्ला होने के बाद कुछ ग्रामीणों के कारण पीड़िता की इज्जत बची। लेकिन इसी आवेदन के आधार पर पुलिस ने सात माह पहले कांड संख्या 222/20 में 447/341/323/ और 354बी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच में जुटी थी। वहीं सात माह बाद आरोपी को पकड़ा भी गया। तो आरोपी थाना से फरार होने में सफल रहा।
वैसे मुफ्फसिल थाना से किसी आरोपी के फरार होेने का यह दुसरा मामला है तो पुलिस गिरफ्त में ही एक आरोपी द्वारा हाजत में फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला भी इसी थाना का ही है। इसके बाद भी थाना प्रभारी पर वरीय अधिकारियों की मेहरबानी पर सवाल उठना तय है।