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बिना टेंडर के ही रांची के एक कंपनी को टॉल टैक्स वसूली का दिया गया जिम्मा

  • नगर निगम बोर्ड के अंतिम बैठक में झामुमो से जुड़े पार्षदों ने दिया समर्थन
  • डिप्टी मेयर समेत तीन पार्षद ने किया विरोध, संख्या बल कम होने के कारण नही हुआ फायदा

गिरिडीह। नगर निगम बोर्ड की आखिरी बैठक शनिवार को नगर भवन मे ंहुई। बैठक में झामुमो समर्थित वार्ड पार्षदों ने बड़ा खेला कर दिया और टोल टैक्स वसूली का टेंडर कराने के बजाय उसे रांची के चयनित एजेंसी के हाथों सौंपने की सहमति बोर्ड की बैठक में दे दी। मतलब साफ है कि शहरी क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए वाहनों से जो वसूली होती थी। उसका टेंडर नहीं होकर निगम अब एक चयनित एजेंसी को सौंप देगा। जबकि पहले टेंडर की प्रकिया होती थी, जिसमें शहर के नामचीन ठेकेदार उंची बोली लगाकर टेंडर लेते थे। जिससे निगम को भी भारी-भरकम राजस्व मिलता था। जिसका इस्तेमाल सफाई कर्मियों के वेतन समेत संसाधनों के खरीद के लिए होता था। लेकिन शनिवार को हुए बोर्ड के अंतिम बैठक में कथित झामुमो समर्थित पार्षदों ने टेंडर प्रकिया का विरोध कर दिया। जबकि कुछ वार्ड पार्षदों और डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ ने इसका विरोध भी किया। लेकिन संख्या बल कम होने के कारण कोई फायदा नही हुआ और टेंडर की प्रकिया समाप्त कर रांची के एक एजेंसी संचालक नवनीत को टॉल टैक्स वसूली दे दी गई।

बैठक में सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ, उपनगर आयुक्त स्मृति कुमारी समेत कई वार्ड पार्षद शामिल हुए। बैठक में कुल छः बिन्दुओं पर चर्चा की गई। प्रवेश शुल्क के टेंडर की प्रकिया जल्द शुरु कराने के प्रस्ताव को रखते हुए वार्ड पार्षद रंजित यादव ने किसी चयनित एजेंसी को टॉल टैक्स वसूली देने के बजाय शहर के लोगों के बीच टेंडर कराने की बात कही। पार्षद रंजीत यादव के इस प्रस्ताव का समर्थन महिला वार्ड पार्षद गुड़िया देवी, सरिता श्रीवास्तव और खुद डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ ने भी किया। लेकिन झामुमो समर्थक वार्ड पार्षदों के संख्या बल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और एजेंसी को देने में समर्थन किया।

इधर बैठक में भीषण गर्मी को देखते हुए वार्ड 22 के हेठलापीठ के साथ झगरी और होटल ऑर्बिट के समीप पेयजल के परेशानी को दूर करने के लिए पूरे इलाके को तीन जोन में बांटकर पाईप लाईन बिछाने का निर्णय गया। वहीं शहर के बरगंडा चाक को प्रस्तावित नाम विद्यापति चौक के नामांकरण करने से जुड़े प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। वार्ड पार्षद रंजीत यादव के विरोध के बाद बोर्ड में फैसला हुआ कि बरगंडा को दरबान चाक के नाम से ही रखा जाएगा, कोई फेरबदल नहीं होगा। लेकिन मेट्रोस गली मोड़ से लेकर अरगाघाट मोड़ को विद्यापति चाक करने का निर्णय हुआ। बैठक में पार्षद नीलम झा, सुमित कुमार, गुड्डु यादव, सैफअली गुड्डु, कमल सिंह, अशोक राम समेत कई पार्षद मौजूद थे।

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