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प्रदुषण देखने गिरिडीह पहुंचे उद्योग निदेशक ने विधायक सोनू के साथ किया इलाका सर्वेक्षण, माना बालमुंकुद स्पंज और अतिवीर के प्रदुषण ने तबाह कर दिया इलाका

हालात देख विधायक और निदेशक का भड़का गुस्सा, प्रदुषण बोर्ड के पदाधिकारियों से कहा सुधरे, नही तो आता है सुधारने

बालमुंकुुद स्टील के मालिक और प्रबंधक को भी निदेशक ने लगाया फटकार

गिरिडीहः
फैक्ट्री प्रदुषण ने गिरिडीह के औद्योगिक इलाके का हाल क्या कर दिया। यह देखने सोमवार को उद्योग निदेशक जीतेन्द्र सिंह रांची से गिरिडीह पहुंचे। निदेशक जीतेन्द्र सिंह और स्थानीय सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के साथ अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा भी इस दौरान औद्योगिक इलाकों का हाल जाना। और जब एक साथ कई फैक्ट्रियों का हाल देखा। तो दंग रह गए कि आखिर बालमुंकुद और अतिवीर स्पंज आयरन प्व्लांट को सारे नियम तोड़कर प्लांट चलाने की स्वीकृति प्रदुषण बोर्ड क्यों व कैसे दे दिया। वैसे और भी फैक्ट्रियों के हालात देखे गए। लेकिन बालमुंकुद और अतिवीर स्पंज आयरन ने करीब आधा दर्जन गांवो की आबादी को प्रभावित कर रखा है। यह विधायक और निदेशक समेत पूरे टीम को मौके पर देखने को मिला। हालांकि गड़बड़ी मोंगिया स्टील प्रबंधन के संतपूरिया स्पंज आयरन फैक्ट्री में भी पाया गया। जहां इनके पहुंचने से पहले पानी का छिड़काव शुरु कर दिया गया था। तो प्रदुषण को नियंत्रित करने वाली बंद ईएसपी मशीन भी चालू अवस्था में पाया गया। हालात देखकर ही निदेशक और विधायक भी समझ गए कुछ स्पंज आयरन फैक्ट्रियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बेहद जरुरी है। इस बीच पत्रकारों से बातचीत के दौरान उद्योग निदेशक जीतेन्द्र सिंह ने भी माना कि दो-तीन दिन स्पंज आयरन प्लांट के कारण ही करीब पूरा इलाका प्रभावित हो रहा है। इसमें बालमुंकुद और अतिवीर स्पंज प्रमुख रुप से शामिल है।

वहीं विधायक सोनू ने कहा कि जान की कीमत पर किसी सूरत में उद्योग चलाने की मंजूरी नहीं मिल सकती। फिलहाल, चंद फैक्ट्रियों के कारण ही आधा इलाके की आबादी और इलाका बर्बाद होने के कगार पर है। वैसे निरीक्षण के दौरान प्रदुषण बोर्ड के सदस्य डी. के सिंह और रीजनल पदाधिकारी को विधायक ने जमकर फटकार लगाया।
दरअसल, स्थानीय सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा सीएम हेंमत सोरेन के पास किए गए शिकायत के आधार पर सोमवार को सारे अधिकारी पहुंचे थे। हेंमत सरकार के निर्देश पर ही एक खास टीम का गठन किया गया। और इसी टीम ने पूरे इलाके का सर्वे भी किया। लेकिन फैक्ट्री प्रदुषण ने इलाके के चतरो, गादीश्रीरामपुर समेत करीअ आधा दर्जन गांवो को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। प्रदुषण के कारण ही इन गांवो की गर्भवती महिलाओं ने जहां दिव्यांग बच्चों को पैदा किया। तो वहीं जल और जंगल के साथ खेती योग्य जमीन भी पूरी तरह से बंजर हो गए। यही नही वाॅटर फाॅल का पानी पूरी तरह से प्रदुषित हो चुका है। तो गिरिडीह-धनबाद रोड स्थित चतरो के बराकर नदी पुल के समीप ही अतिवीर स्पंज आयरन प्लांट और बालमुंकुद स्पंज आयरन के डस्ट के फेंके गए ढेर ने आसपास की आबादी को प्रदुषण के कारण प्रभावित कर दिया है। फैक्ट्री प्रदुषण की जांच करने पहुंचे टीम में प्रदुषण बोर्ड के सदस्य बी. के सिंह के साथ रीजनल पदाधिकारी अशोक यादव, वन प्रमंडल पदाधिकारी अग्रवाल और सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. आशीष सिन्हा भी शामिल थे।


इस दौरान टीम सबसे पहले बालमुंकुद स्पंज आयरन प्लांट पहुंची। तो फैक्ट्री के भीतर फैले प्रदुषण ने विधायक समेत टीम में शामिल पदाधिकारियों का हालात खराब कर दिया। इसके बाद उद्योग निदेशक ने मौके पर फैक्ट्री के भीतर एक-एक स्थल का निरीक्षण किया। ना तो बालमुंकुद फैक्ट्री का ईएसपी मशीन बंद मिला। इसे विधायक और निदेशक दोनों का गुस्सा भड़का। और फैक्ट्री मालिक अभिषेक कन्नोजिया समेत फैक्ट्री प्रबंधन के कर्मी फूलचंद को जमकर फटकार लगाया। हालांकि फैक्ट्री बचाव में कई तर्क देते दिखे। लेकिन भीतर की स्थिति ही फैक्ट्री मालिक और प्रबंधक को झूठा साबित करने के लिए काफी था। क्योंकि एक साथ कई स्थानों पर डस्ट के ढेर जमा पाएं गए। तो फैक्ट्री के चिमनी का धुंआ भी आसपास के गांवो में उड़कर पहुंचता दिखा। हालात देख निदेशक ने भी माना कि प्रदुषण बोर्ड की बगैर मिलीभगत से यह सब संभव नहीं।
इस बीच निदेशक और विधायक के साथ टीम के अधिकारी अतिवीर स्पंज आयरन के प्लांट पहुंचे। तो यहां भी कमोवेश, हालात वैसे ही थे। जबकि मोंगिया स्टील का संतपुरिया स्पंज भी काफी हद तक नियमों को ताक पर रखकर संचालन होने की बात सामने आई। हालांकि सलूजा स्टील का स्पंज आयरन, स्वाती काॅन काॅस्ट और वैंकटेंश स्पंज आयरन में काफी हद तक स्थिति समान्य पाया गया।

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