पौष पूर्णिमा के मौके पर लंगेश्वरी बाबा के समाधि स्थल पर उमड़ी भक्तों की भीड
- चादरपोशी कर श्रद्धा भाव से की पूजा अर्चना
- जमुआ थाना प्रभारी ने बाबा के समाधिस्थल पर चादरपोशी कर की मेला की शुरूआत
- देश के विभिन्न राज्यों से आए बाबा के अनुयायियों डाला डेरा
गिरिडीह। पौष पूर्णिमा पर जिले के जमुआ प्रखंड स्थित खरगडीहा में लगने वाले लंगेश्वरी बाबा मेला शुक्रवार को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मेला में झारखंड के अलावे बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों से हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तो ने बाबा की समाधि पर चादरपोशी की। मेला की शुरूआत मान्यता और परंपरा के अनुसार बाबा के समाधि स्थल पर जमुआ थाना प्रभारी पप्पू कुमार के द्वारा अहले सुबह चादरपोशी कर की गई।
पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध लंगेश्वरी बाबा के नाम से माने जाने वाले जमुआ के खरगडीहा में लंगेश्वरी बाबा मेला में सामाजिक समरसता और संप्रदायिक एकता साफ दिखाई दे रही थी। बाबा के समाधिस्थल पर एक तरफ जहां हिंदू समुदाय की भीड़ उमड़ी हुई थी, वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के लोगो की भीड़ भी चादरपोषी के लिए पहुंचे हुए थे। मौके पर भक्तो ने लंगेश्वरी बाबा से अपने मान्यता के अनुरूप पूजा अर्चना भी करते दिखे। सुबह में जहा हिंदू समुदाय के भक्तो ने चादरपोशी किया। तो दोपहर के बाद मुस्लिम समुदाय के भक्तो द्वारा चादरपोशी किया गया। लिहाजा, जमुआ के लंगेश्वरी बाबा मजार को हिंदू मुस्लिम समुदाय के लिए एक मिशाल के तौर पर माना जाता है।
बताया जाता है कि शरीर पर कोई कपड़ा नहीं होने के कारण ही बाबा को लंगटा बाबा कहा जाता था और कई अद्भुत शक्तियों के प्रतीक भी लंगटा बाबा को माना जाता रहा है। बीमारियों को दूर करने के प्रति भी लंगटा बाबा ने भक्तो के बीच अपने शक्ति को कई बार प्रत्यक्ष रूप से दिखाया था। इसके बाद दोनांे समुदाय के लोगों में बाबा के प्रति आस्था बढ़ता गया।
इधर लंगटा बाबा मेला में सुरक्षा व्यवस्था व विधि व्यवस्था को बनाए रखने को लेकर जमुआ पुलिस पुरी तरह से मुस्तैद दिखी। एसडीपीओ मुकेश महतो भी पुलिस जवानों के साथ पूरे मेला परिसर पर नजर रखे हुए थे। वहीं कड़ाके की ठंड को देखते हुए कई स्थानों पर अलाव की भी व्यवस्था की गई थी।