बाहर से आने वाले शिक्षकों और जवानों को सात दिन के लिए रहना होगा क्वारंटाइन
- स्वास्थ्य विभाग के अवर मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर कोविड नियम का पालन करने दिया निर्देश
गिरिडीह। कोरोना संक्रमण के तिसरी लहर को देखते हुए झारखंड सरकार ने दूसरे राज्य या अवकाश से झारखंड लौटने वाले पुलिसकर्मियों, पैरामिलिट्री बल, होमगार्ड, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ जवानों समेत किसी भी प्रकार के शैक्षणिक संस्थान में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अब सात दिन के क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य कर दिया है।
वहीं अति प्रभावित कोविड क्षेत्र से आए हुए व्यक्ति या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की सूचना देते हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें जिले के कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराकर उपचार कराया जाएगा। हालांकि उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति नहीं होगी। क्वारंटाइन अवधि में यदि बुखार, सर्दी-खांसी, बदन दर्द, थकान, सांस की समस्या या अन्य स्वास्थ्य समस्या होने पर तत्काल पीड़ित व्यक्ति को निकटतम अस्पताल में आइसोलेट करते हुए उनकी कोविड जांच कराई जाएगी।
- पुलिस महानिदेशक को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने लिखा पत्र
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने रविवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को इस बाबत पत्र लिखकर राज्य में कोविड की रोकथाम, बचाव और समुचित नियंत्रण के लिए कोविड गाइडलाइन का पालन (मास्क, हैंड सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग आदि), टीकाकरण, सघन निगरानी और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के साथ नियमित रूप से कोविड जांच कराना जरूरी होगा। आरटीपीसीआर या ट्रूनेट के माध्यम से जांच सुनिश्चित कराने के लिए ऐसे लोगों की सूची सिविल सर्जन को देंगे, जो जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। कहा है कि प्रत्येक पुलिस लाइन अथवा आवासीय स्थल पर एक निश्चित बैरक को ऐसे व्यक्तियों के क्वारंटाइन के लिए आरक्षित रखा जाएगा। क्वारंटाइन बैरक में आवश्यक सुविधाओं के साथ दो बिस्तर के बीच की दूरी कम-से-कम छह फीट होगी। क्वारंटाइन बैरकों में नियमित सेनेटाइजेशन और साफ-सफाई की अलग से व्यवस्था होगी।
- दोनों डोज लेने वाले शिक्षकों को स्कूल आने की होगी अनुमति
शैक्षणिक संस्थान में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति जो दूसरे राज्य से झारखंड आएंगे तो उनकी दूसरे ही दिन आरटीपीसीआर या ट्रूनेट से जांच होगी। जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा। जबकि, होम क्वारंटाइन में रह रहे व्यक्ति को स्कूल में योगदान देने से पहले फिर से जांच करानी होगी। कहा कि स्कूली शिक्षकों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा। उनके लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाकर 10 अगस्त तक टीकाकरण सुनिश्चित कराना अनिवार्य होगा। कहा कि जो शिक्षक दोनों डोज ले चुके होंगे उन्हें ही विद्यालय में आने की अनुमति दी जायेगी।