शिव शिष्य परिवार का महाबैठक संपन्न, काफी संख्या में लोग हुए शामिल
गिरिडीह। शिव शिष्य परिवार के तत्वावधान में शिव शिष्यों की एक बैठक सोमवार को एक बैठक का आयोजन वर्णवाल धर्मशाला में हुई। उक्त कार्यक्रम का आयोजन महेश्वर शिव के गुरू स्वरूप से एक-एक व्यक्ति का शिष्य के रूप में जुड़ाव करने के उद्देश्य से किया गया। इस कालखंड के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी के संदेश को लेकर शिव शिष्य परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर रामेश्वर मंडल ने कहा कि शिव जगत गुरु हैं, गुरुओं के गुरु हैं। संपूर्ण मानवी सृष्टि उन्हें अपना शिष्यभाव अर्पित कर सकती है। शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं।

कार्यक्रम के दौरान रांची से आये शिव शिष्य रणधीर कुमार ने कहा कि यह अवधारणा पूर्णतः आध्यात्मिक है, जो भगवान शिव के गुरु स्वरूप से एक एक व्यक्ति के जुड़ाव से संबंधित है। श्री हरीन्द्रानन्द जी ने सन् 1974 में शिव को अपना गुरु माना। 1980 के दशक से संपूर्ण मानव को शिव उई गुरु के स्वरूप से जोड़ने का सिलसिला अनवरत चलता आ रहा है। मौके पर स्थानीय गुरु मीरा सिंह, शारदा, सुशीला, सुमन, सुनीता, राजकुमार, धीरज, गिरिजा, अरविंद समेत कई मौजूद रहें।