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लड़कियों पर जुल्म के आश्रयस्थल गिरिडीह के समवंय संस्था मरियम बालगृह से 11 लड़कियों को किया गया शिफ्ट, सील करने की कार्रवाई भी जारी

सवालों के घेरे में समाज कल्याण विभाग भी, आरोपी संचालिक और बेटा फरार

गिरिडीहः
सूनसान इलाके में संचालित गिरिडीह के बालगृह से सोमवार को 11 लड़कियों को दुमका और धनबाद के बालगृह में शिफ्ट किया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा बालगृह पिछले एक साल से पचंबा के मोहनपुर में सूनसान इलाके में एक दो मंजिला इमारत में चल रहा था। दो मंजिला इमारत एक सरकारी छात्रावास था। जिसे एक साल पहले समाज कल्याण विभाग ने बालगृह का स्वरुप देकर इसमें वैसी लड़कियों का आश्रयगृह बना दिया। जो घर से भाग गई थी। इधर शिफ्ट की गई लड़कियों में एक गर्भवती भी शामिल थी। हालांकि इस गर्भवती को शिफ्ट किए जाने से पहले उसे जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम ने मेडिकल उपचार के लिए अपने साथ ले गई। जबकि संचालिक और उसका बेटा दोनों ही फरार थे। इधर 10 लड़कियांे को दो जिलों में भेजा गया। लड़कियों को शिफ्ट करने के दौरान समाज कल्याण पदाधिकारी के साथ बाल संरक्षण समिति के जीतू कुमार और चाईल्ड लाईन के सदस्य भी मौजूद थे। तो जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा सूनसान इलाके में संचालित समवंय संस्था मरियम बालगृह को जहां एक तरफ सील करने की प्रकिया चल रही थी। वहीं इसकी संचालिका शोभा कुमारी और उनके बेटे अभय आंनद के खिलाफ केस दर्ज करने की प्रकिया भी की जा रही थी। इसकी पुष्टि समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम ने करते हुए बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा बालगृह समवंय संस्था मरियम के खिलाफ जिस कार्रवाई का निर्देश आया है। वह किया जाएगा। आरोपी मां-बेटे को ऐसे नहीं छोड़ दिया जाएगा। जानवरों जैसा सलूक बालगृह में रहने वाली लड़कियों के साथ संचालिका और उनका बेटा कर रहा था। और समाज कल्याण विभाग ने इसी शिकायत के आधार पर इसे सील करते हुए दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।


वैसे इस बालगृह से जिन 11 लड़कियांे को दुसरे जिलों में शिफ्ट किया गया। उसमें छह लड़किया आठ से 10 साल की थी। जबकि पांच लड़कियों की उम्र 16 से 23 के करीब। वैसे इस पूरे मामले में समाज कल्याण विभाग भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि बालगृह में रहने वाली लड़कियों पर पिछले एक साल से संचालिका शोभा कुमारी जुल्म करती रही।

तो उसका बेटा अभय आनंद भी कम नहीं था। नाईट गार्ड की ड्यूटी करने वाला अभय आंनद बालगृह में लगे सीसीटीवी कैमरे को अपने मोबाइल और लैपटाॅप से कनेक्ट कर लड़कियों के अश्लील तस्वीरें रखता था। तो संचालिक द्वारा लड़कियों को सही तरीके से ना तो खाना दिया जाता था। और ना ही सारी सुविधा। जबकि बालगृह के दुसरे इंट्री गेट पर तीनों वक्त के भोजन का मैन्यू भी लगा हुआ था। इसके बाद एक साल से लड़कियां सब कुछ सहकर रह रही थी। इसकी सारी जानकारी एक साल पहले ही बाल संरक्षण समिति और सीडब्लूसी ने समाज कल्याण विभाग को जांच रिपोर्ट में दे दिया था। इसके बाद भी समाज कल्याण विभाग ने कार्रवाई के लिए कोई पहल नहीं किया। इसके पीछे भी वजह रही संचालिका शोभा कुमारी का रसूखदार होना।

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