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पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म व गर्भपात मामले में सुनाई सजा

  • मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास व गर्भपात कराने वाले चिकित्सक को सात साल की हुई सजा, लगाया जुर्माना

गिरिडीह। नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर उसका अवैध गर्भपात कराने के आरोप में गिरिडीह के पोक्सो कोर्ट ने शुक्रवार को मुख्य आरोपी सहित सात आरोपियों को सजा सुनाई है। सात आरोपियों में डॉक्टर यूसुफ आलम भी शामिल हैं। आरोपी डॉक्टर को सात साल की सजा के साथ ही पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं मुख्य आरोपी शिवनारायण सिंह को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 25 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि सोमर सिंह, भोला सिंह, डेगनारायण महतो, मनोज महतो, टेकलाल महतो को तीन-तीन माह कारावास की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को पोस्को जज सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत प्रकाश ने सभी आरोपियों को विडियो कांफ्रेसिंग के मध्यम से सजा सुनाई है।

पोस्को के विशेष जज यशवंत प्रकाश ने शुक्रवार को सजा सुनाते हुए मुख्य आरोपी समेत छह आरोपी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए मामले को बेहद गंभीर बताया। नाबालिग से दुष्कर्म और उसका गर्भपात का मामला जिले के निमियाघाट थाना इलाका से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार साल 2015 में नाबालिग पूजा में शामिल होने से पहले शौच के लिए जा रही थी। इसी दौरान नाबालिग को आरोपी शिवनारायण सिंह पकड़कर उसके साथ गलत हरकत करते हुए दुष्कर्म किया।

घटना के बाद आरोपी ने पीड़िता को धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने किसी को ये बात बताया तो उसे जान से मार दिया जाएगा। जिसके कारण पीड़िता छह माह तक बात को छुपाये रखा। जब सात महीने बाद वो गर्भवती हुई, तो परिजनों को पूरी बात बताई। इसके बाद मामले में पीड़िता का निमियाघाट के डॉक्टर यूसुफ आलम के यहां गर्भपात कराया गया। गर्भपात कराने में शिवनारायण सिंह के साथ चार लोगों ने सहयोग किया। इसके बाद निमियाघाट थाना में सारे आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस जांच में जुटी, तो आरोप को सही पाया। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही पोस्को कोर्ट ने सारे आरोपियों पर आरोप गठित किया था।

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