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तम्बाकू नियंत्रण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

  • तम्बाकू से मानसिक विकारों या परेशानियों का बढता है खतरा: सीएस

कोडरमा। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राजकीय पॉलिटेक्निक, कोडरमा में शनिवार को तम्बाकू नियंत्रण को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जिले के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. मनोज कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उपस्थित छात्र-छात्राओं को बताया कि तंबाकू एवं इससे बने पदार्थों के उपयोगकर्ताओं में जोखिम लेने वाला व्यवहार और भावनात्मक स्थिरता में कमी देखी जाती है। साथ ही मानसिक विकारों या परेशानियों का खतरा पैदा और बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तंबाकू के बढ़ते उपयोग और उससे स्वास्थ्य पर होनें वाले हानिकारक प्रभाव संपूर्ण विश्व के लिए चिंता का विषय है। तथा कई बिमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, पुरानी सांस की बीमारियां इत्यादि विश्व स्तर पर होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण हैं, जो कि सीधे धुम्रपान या तंबाकू के सेवन के साथ जुड़ी है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन का सबसे ज्यादा प्रभाव व्यवहार पर पड़ता है। यह जहरीला पदार्थ नशे को पैदा करता है, साथ ही निकोटीन हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों को भी कमजोर बनाता है और शरीर में विटामिन-सी और ई की कमी होने लगती है। तंबाकू के सेवन छोड़ने से शरीर रक्त संचार में भी सुधार होता है, दिल की बिमारी का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है तथा ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) व सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।

इस वैश्विक विषय पर भारत सरकार ने पहल करते हुए तंबाकू एवं इससे निर्मित पदार्थों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए कानून अधिनियमित किए हैं। उक्त के आलोक में सदर अस्पताल और जिला प्रशासन जिम्मेदारी के साथ तंबाकू उपयोग के नियंत्रण को लेकर प्रयासरत है और सदर अस्पताल में तंबाकू के आदत से मुक्ति के लिए तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है। जिसका आप लाभ उठा सकते हैं। वहीं तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला परामर्शी दीपेश कुमार के द्वारा तम्बाकू से बने पदार्थों से होने वाले नुकसान के बारे विस्तार पूर्वक बताया एवं तम्बाकू नियंत्रण से संबंधित कानून कोटपा 2003 के अनुपालन हेतु आवश्यक जानकारी साझा किये। कार्यक्रम उपरांत इससे संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले तीन प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। मौके पर कॉलेज के शिक्षक एवं कर्मी के अलावा गैर-संचारी रोग विभाग के सिद्धान्त ओहदार, हिमांशु कुमार व सैकडों छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।

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