ऑनलाईन मॅट्रिमोनी वर्कशॉप मारवाड़ी रिश्तें का झारखंड में हुआ सफल आयोजन
- अब वेबसाइट के माध्यम से एक दूसरे के बारे में शेयर करेंगे जानकारियां
- मंच के पदाधिकारियों व प्रबुद्ध का रहा सराहनीय योगदान
गिरिडीह। झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच द्वारा जुम एप पर ऑनलाइन मैट्रिमोनी वर्कशाप (मारवाड़ी रिश्ते) आयोजित किया गया। जिसमें झारखंड प्रान्त के दो दर्जन से ज्यादा मारवाड़ी युवा मंच की शाखाओं के नेत्रित्वरिन्दों एवं शाखा संयोजकों के साथ-साथ प्रदेश के मारवाड़ी समाज के प्रबुद्ध व्यक्तित्वों ने अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ललिता चैधरी व राकेश मोदी, विशिष्ट अतिथि झारखंड प्रान्त के अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल, मुख्य वक्ता स्वरूप मॅट्रिमोनी की राष्ट्रीय संयोजिका प्रियंका नाहटा ने अपनी सहभागिता दी। वर्कशॉप का संचालन प्रांतीय मॅट्रिमोनी संयोजक नीलकमल भरतिया कर रहे थे।
बताया गया कि इस ऑनलाइन वर्कशॉप-मारवाड़ी रिश्तें का मुख्य उद्देश्य अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच द्वारा संचालित मैट्रिमोनी वेबसाइट www-matrimony-aimym-org के बारे में जानकारी एवं इस वेबसाईट पर अधिक से अधिक प्रोफाइल अपडेट एवं पंजीकरण व प्रचार-प्रसार करना है।
मैट्रिमोनी प्रकल्प के कई महत्वपूर्ण पहलुओं से कराया अवगत
वर्कशॉप की मुख्य वक्ता प्रियंका नाहटा ने मैट्रिमोनी प्रकल्प के कई महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में सभी को बताया एवं सभी सदस्यों को ऊर्जा देते हुए ये कहा कि सभी के सहयोग से हम इस प्लेटफार्म में मारवाड़ी रिश्तें सम्बंधित एक अच्छा मुकाम प्राप्त करेंगे। ऑनलाइन वर्कशॉप में Matrimony-Aimym-org के लाइव डेमोंसट्रेशन द्वारा सभी को मैट्रिमोनी वेबसाइट के फीचर्स व बेनिफिट्स के बारे में अच्छी जानकारी दी गयी। कहा कि आने वाले दिनों में मारवाड़ी समाज के युवक-युवतियों के लिए ऑनलाइन परिणय परिचय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। समाज के सभी लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच की इस मॅट्रिमोनी वेबसाइट www-matrimony-aimym-org में सभी अपने परिचय के लोगों का प्रोफाईल बना कर उनका बॉयोडाटा अपलोड करें व अपने बच्चों के लिये अच्छा परिवार बसाएं।
इस ऑनलाइन मॅट्रिमोनी वर्कशॉप को सफल बनाने में गिरिडीह से मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश मोदी, शाखा अध्यक्ष रोहित जालान, मॅट्रिमोनी प्रांतीय संयोजक युवा नीलकमल भरतिया, प्रदीप जैन का सराहनीय योगदान रहा।