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गुरिल्ला आर्मी दिवस मनाने के लिए नक्सली संगठन भाकपा माओवादी तलाश रहे गिरिडीह-जमुई के सुरक्षित गांव को

पुलिस और सुरक्षा बल के लगातार चल रहे सर्च आपरेशन से माओवादियों को नहीं मिल रहा सुरक्षित ठिकाना

गिरिडीह के भेलवाघाटी तो जमुई के चकाई के आधा दर्जन गांवो का कर चुके है दौरा

मनोज कुमार पिंटूःगिरिडीहः
नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के गुरिल्ला आर्मी सप्ताह दिवस को लेकर झारखंड-बिहार के गिरिडीह और जमुई पुलिस के साथ सुरक्षा बल भी अलर्ट है। लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों जिलों के चकाई और भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों का मूवमेंट चार दिनों के भीतर तेज हुआ। गिरिडीह एएसपी गुलशन तिर्की भी रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि माओवादियों के गुरिल्ला आर्मी सप्ताह दिवस को लेकर लगातार सर्च आॅपरेशन चलाया जा रहा है। जिन-जिन इलाकों में माओवादियों के होने की सूचना मिलती है। उन इलाकों में सर्च आॅपरेशन चल रहा है। सुरक्षा बलों का भी प्रयास है कि माओवदी दोनों जिलों के सीमावर्ती इलाकों में किसी विध्वंसकारी घटना को अंजाम नहीं दे पाएं। इधर पुलिस सूत्र भी यह बतातें है कि बिहार-झारखंड के जेबी जोन का सचिव पिंटू राणा के साथ चकाई और भेलवाघाटी का जोनल कमांडर मतलू तूरी अपने दस्ते के साथ दोनों थाना क्षेत्रों के एक ऐसे सुरक्षित गांव की तलाश कर रहा है। जहां वह ग्रामीणों और किसानों के साथ बैठक कर गुरिल्ला आर्मी सप्ताह मना सके। यह अलग बात है कि लगातार चल रहे सर्च आॅपरेशन के कारण पिंटू राणा और मतलू तूरी को अपने दस्ते के साथ इन थाना क्षेत्र के गांवो में बैठक करने का मौका नहीं मिल रहा है। बतातें चले कि चकाई और भेलवाघाटी का जोनल कमांडर मतलू तूरी बिहार के चकाई थाना इलाके के गांव का रहने वाला है। लिहाजा, जेबी जोन के सचिव पिंटू राणा ने सुरक्षित स्थान तलाशने की जिम्मेवारी मतलू तूरी को ही दे रखा है।
पुलिस सूत्र यह भी बता रहे है कि पिंटू राणा और मतलू तूरी के नेत्तृव में माओवादियों का दस्ता इधर हाल के दिनों में भेलवाघाटी, चकाई के साथ तिसरी के गांवो का भ्रमण कर चुका है। इन तीनों थाना क्षेत्र के गांवो में खुफिया एजेंसियों ने भी जानकारी जुटाया। और सुरक्षा बलों को इनपुट दिया कि माओवादी कई गांवो का दौरा कर चुके है। जबकि सप्ताह दिनों पहले ही दोनों राज्यों के बीच अन्र्तराज्यी स्तर पर पुलिस और सीआरपीएफ की बैठक भी हुई थी। जिसमेें माओवादियों को उनके घर के भीतर घेरने की रणनीति बनाया गया था। पुलिस सूत्र यह भी बताते है कि भेलवाघाटी और चकाई थाना क्षेत्र के बीचोंबीच पड़ने वाले गांवो में सुगरजारा, बाघाकौल, मडवा, बडखुटिया समेत कई गांवो में जहां यह दस्ता पहले भ्रमण कर चुका है। वहीं चार दिन पहले चकाई थाना से महज कुछ दूर स्थित मंझलाडीह गांव में नक्सली दस्ते की बैठक हो चुकी थी। बैठक की सूचना पर ही पिंटू और सुरक्षा बलों का सर्च आॅपरेशन चलाया गया था। लेकिन इसे पहले ही माओवादी फरार हो चुके थे। इस दौरान सुरक्षा बल को बैरंग लौटना पड़ा।

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