राष्ट्रीय किसान मोर्चा का धरना अंबेदकर चैक पर जारी
कृषि बील के खिलाफ 11 से 17 जनवरी तक देंगे धरना
गिरिडीह। किसान विरोधी कानून के विरोध में संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा के माध्यम से दिल्ली सिन्धु बार्डर, शाहजहांपुर बार्डर एवं गाजीपुर बार्डर पर किसान विरोधी कानून को वापस लिए जाने के लिए जारी आन्दोलन को समर्थन देते हुए शहर के अंबेदकर चैक पर भी धरना पर बैठे है। धरना में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के कई कार्यकर्ता शामिल है।
पूँजीपतियों को फायदा पहुँचाने के लिए पारित किया गया है कृषि बील
गुरुवार को धरना को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष रीतलाल प्रसाद वर्मा ने कहा कि यह कानून पूँजीपतियों को फायदा पहुँचाने के लिए पारित किया गया है। आवश्यक वस्तु अधिनियम 2020 के माध्यम से सरकार पूँजीपतियों को अनाजों की जमाखोरी करने की खुली छूट दे रही है। इससे भारतीय खाद्य निगम ;थ्ववक ब्वतचवतंजपवद व िप्दकपंद्ध बन्द करने की साजिश है। यदि भारतीय खाद्य निगम ;थ्ववक ब्वतचवतंजपवद व िप्दकपंद्ध बन्द हो गया तो देश भर के गांव में कोटे की दुकाने बन्द हो जायेगी। जिससे गरीब और मजदूर भूखमरी के कगार पर पहुँच जायेंगें। किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की इस कानून में कहीं कोई भी गारन्टी नहीं दी गई है। जिसके विरोध में पूरे देश किसानों में आक्रोश है।
धरना के बाद शुरू होगा जेल भरो आंदोलन
कहा कि केन्द्र सरकार ने लाॅकडाउन में किसानों की तरह मजदूरों को भी बर्बाद करने के लिए मजदूर के हित के 29 कानून खत्म किए गये है। जिससे मजदूरों का शोषण करने का अवसर पूँजीपतियों को मिल रहा है। कहा कि राष्ट्रीय किसान मोर्चा द्वारा 11 जनवरी से 17 जनवरी तक देश के 550 जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। धरना-प्रदर्शन आंदोलन के बाद भी किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए गए तो देशव्यापी जेल-भरो आन्दोलन किया जाएगा। आन्दोलन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, इण्डियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, बहुजन मुक्ति पार्टी एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के मूलनिवासी बहुजन समाज तमाम संगठनों के लोग शामिल हो रहे है।