मधुबन में अभाविप का राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक शुरू, राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी हुए शामिल
- कहा जैन मुनियों ने देश को हमेशा जलवायु परिवर्तन को लेकर जनमानस को किया है सचेत
गिरिडीह। सम्मेद शिखर मधुबन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई। शनिवार को ज्ञान की देवी मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के तस्वीर के समक्ष संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने दीप जलाकर बैठक की शुरूआत की। बैठक के दौरान पेरिस में ओलंपिक में बॉक्सिंग प्रतियोगता में महिलाओ के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना को लेकर कड़े शब्दों में निंदा की गई।
राष्ट्रीय कार्यसमिति के बैठक के पहले दिन सत्र को संबोधित करते हुए छात्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजशरण शाही ने जैन दर्शन को भारतीय संस्कृति और परंपरा में बेहद खास बताते हुए कहा कि जैन मुनियों ने प्राचीन काल से भारत भूमि के लिए अपने त्याग किए है। संबोधन के दौरान उन्होंने सुझाव दिया गया की अभाविप अब नए प्रयोग पर विश्वास करती है और हर अभ्यास वर्ग में प्रयोग किए जाते हैं। जिसमें एनवायरमेंट एक्टिविटी से छात्रों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
कहा कि बॉक्सिंग मुकाबले में महिला प्रतिभागियों के तुलना में बायोलॉजिकल पुरुष प्रतिभागी को उतारना एक मेजबान टीम का गलत निर्णय है। इससे महिलाओं का अपमान हुआ है। कहा की पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन को लेकर संघर्ष कर रहा है और ऐसे में जैन मुनि हमेशा से पर्यावरण के प्रति लोगो सचेत करते रहे हैं। लिहाजा, सम्मेद शिखर के पावन भूमि में छात्र संगठन अभाविप की कार्यसमिति की बैठक होना एक सुखद अहसास है।
सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने कहा कि देश में अलग अलग कोटि के एग्जाम के दौरान पारदर्शिता पर जिस तरह से सवाल उठे है, उसे शिक्षा के पवित्रता संदेह के घेरे में है। नीट समेत ऐसे कई एग्जाम देश भर में चर्चा में बने रहे। राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान के अलावे नेपाल के साथ देश के कई राज्य के प्रतिनिधि शामिल हुए।