अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर राष्ट्र व्यापी फिल्म महोत्सव की शुरुआत
- गिरिडीह जिले में भी एक माह तक चलेगा फ़िल्म महोत्सव
- बच्चों के लिए प्रेरणादायी फिल्मे गांव-गांव दिखाई जाएंगी
- फिल्मों के माध्यम से बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना उद्देश्य: गोविंद
गिरिडीह। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के तत्वावधान में शुक्रवार से राष्ट्रव्यापी फिल्म महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया, जो पूरे एक माह तक चलेगा। जिसमें बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रेरणादायी फिल्मों का प्रदर्शन कर उस पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी। गिरिडीह जिले के तिसरी एवं गांवा प्रखंड के विभिन्न बालमित्र गांवों में भी यह फ़िल्म महोत्सव चलेगा और गाँव-गाँव मंे फिल्मे दिखाई जायेगी।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के वरिष्ठ कार्यकर्ता सह परियोजना पदाधिकारी गोविंद प्रसाद खनाल ने फिल्मोत्सव के उद्देश्यों के बाबत जानकारी देते हुए कहा कि अच्छी फिल्में जन जागरूकता पैदा करने का सशक्त माध्यम होती हैं। फिल्मों के माध्यम से बच्चों को उनकी शिक्षा, सुरक्षा के प्रति अधिकारों के बारे में जागरूक किया जायेगा।
बताया कि फ़िल्म का प्रदर्शन झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों के बाल मित्र ग्रामो, विद्यालयों, पंचायत भवनों, आंगनवाड़ी केंद्रों में किया जाएगा तथा अंत में फ़िल्म के माध्यम से बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा व अधिकारों पर परिचर्चा की जायेगी। जिससे सामाजिक जागरूकता पैदा हो सके। फिल्मोत्सव के दौरान झलकी, स्टेनली का डब्बा, नील बटे सन्नाटा, द प्राईस ऑफ फ्री, तारे जमीन पर आदि फिल्मे दिखाई जाएगी।
बताया कि फिल्मोत्सव की शुरुआत का दिन 10 दिसंबर इसलिए चुना गया है क्योंकि 10 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही यह दिन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के बच्चों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायपूर्ण दुनिया व बालमित्र समाज मे विश्वास रखने वाले लोगों के लिए गौरव का भी दिन है। क्योंकि इसी दिन कैलाश सत्यार्थी जी को बच्चों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बताया कि फिल्म महोत्सव का समापन 11 जनवरी को होगा जो श्री कैलाश सत्यार्थी जी का जन्मदिन है, जिसे बच्चे सुरक्षित बचपन दिवस के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।