जमुनिया नदी जाने वाले रास्ते को स्थानीय लोगों ने ट्रेक्टर परिचालन के लिए किया ब्लाॅक
- पूर्व जिप सदस्य ने लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद उठाया कदम, प्रशासन को किया अवगत
- कहा बालू उठाव के लिए जाने वाले ट्रेक्टर के आवागमण से होती है परेशानी
- 10 जून से 15 अक्टूबर तक एनजीटी द्वारा बालू उठाव पर लगाई गई है पूर्णतः रोक: जायसवाल
गिरिडीह। डुमरी थाना क्षेत्र के जामतारा पंचायत अंतर्गत बाइपास रोड होते हुए जमुनिया नदी जाने वाले रास्ते के दोनों ओर निवास करने वाले दर्जनों लोगों के द्वारा क्षेत्र के पूर्व जिप सदस्य प्रशांत जायसवाल को पिछले कुछ दिनों से मिल रही शिकायत के परिप्रेक्ष्य में मंगलवार ग्रामीणों के संग उपस्थित होकर उक्त रास्ते से होने वाले बालू लदे ट्रैक्टरों सहित विभिन्न प्रकार की भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दिया। साथ ही इस सामुहिक निर्णय से संबंधित एक बैनर रास्ते के मुख्य द्वार पर लगा दिया गया। ताकि कोई भी ट्रैक्टर उक्त रास्ते से जमुनिया नदी नहीं जा सके। इसके पूर्व भी लोगों ने बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाजाही पर रोक लगाई थी। हालांकि रात के अंधेरे व अहले सुबह चोरी छिपे एक दो ट्रैक्टर आवाजाही कर लेते थे। लेकिन आज से पूर्णतः रोक लगा दिया गया।
इस दौरान पूर्व जिप सदस्य के साथ संजय अग्रवाल, बलवंत सिंह, बैजनाथ महतो, नकुल अग्रवाल, धीरेन्द्र, टींकू, राजू महतो, करण जायसवाल, संजय सिन्हा सहित स्थानीय लोगों ने बैठक कर उस रास्ते से ट्रैक्टरों की आवाजाही से होने वाली दिक्कतों से अवगत कराते हुए कहा कि रास्ते से बालू एवं ईंट लदे दर्जनों ट्रैक्टरों की अनवरत आवाजाही से एक ओर जहां सड़क में जगह-जगह गड्ढानुमा व कीचड़मय हो गया है। जिस कारण लोगों को नदी जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर अपने दैनिक कार्यों की निवृत्ति हेतु नदी को जाने वाले लोगों तथा श्मशान घाट जाने के लिए लोगों को खतरों से होकर नदी जाना पड़ता है। कहा कि सबसे अधिक परेशानी शव ले जाने में होती है। ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद पूर्व जिप सदस्य ने उक्त पथ से ट्रैक्टरों की आवाजाही पर रोक लगा दिया। साथ ही इसकी लिखित जानकारी डुमरी एसडीएम, सीओ एवं थाना को देने की बात कही।
मौके पर पूर्व जिप सदस्य प्रशांत जायसवाल ने कहा कि बीते 10 जून से 15 अक्टूबर तक एनजीटी द्वारा किसी भी बालू घाट से बालू उठाव पूर्णतः रोक लगा दिया गया है, लेकिन क्षेत्र में इसका अनुपालन होता कहीं नहीं दिख रहा है। इसलिए इससे उपायुक्त एवं खनन विभाग को अवगत कराकर बालू के इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने की मांग की जाएगी। क्योंकि सफेद बालू के इस काले धंधे से बालू माफिया फर्श से अर्श तक पहुंच रहे हैं।