झारखंड इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स ने विधायक को सौपा ज्ञापन
9 महीने से विद्यालय बंद रहने से होने वाली समस्याओं से कराया अवगत
गिरिडीह। झारखंड इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को जिला संयोजक एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन गिरिडीह के जिला सचिव दिनेश साहू के नेतृत्व में बगोदर विधानसभा के निजी विद्यालय प्रबंधकों ने अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन देकर विधायक विनोद कुमार सिंह को अवगत कराया। इस दौरान प्रबंधकों ने उनसे विभाग एवं सरकार से संपर्क कर इस पर समाधान हेतु आग्रह किया गया। जिसमें सरकार से निजी विद्यालय के शिक्षकों की समस्याओं पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए राहत कोष की मांग की गई है। साथ ही विभिन्न प्रकार के टैक्स, बिजली बिल, पानी बिल एवं भवन किराया आदि को भी माफ करवाने की बात कही गई है। क्योंकि विगत 9 महीने से विद्यालय बंद रहने के कारण अधिकांश छोटे-छोटे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में फीस नहीं मिल पा रहा है। साथ ही आठवीं बोर्ड में विगत वर्ष की भांति ही गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के बच्चों को शामिल करने के लिए प्रवाधान सुनिश्चित करने की मांग की हैं।
विद्यालय मान्यता की शर्तों में लचीलापन लाने की मांग
मांग पत्र के माध्यम से यह भी कहा गया है कि अधिकांश विद्यालय मान्यता की शर्तों में कठोरता के कारण मान्यता ले पाने में सक्षम नहीं है। इसलिए उसे लचीला किया जाए तथा नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के छात्र छात्राओं को भी सम्मिलित करवाने का अवसर प्रदान किया जाए। झारखंड इंडिपेंडेंट स्कूल एलाइंस के निर्धारित कार्यक्रम के तहत 12-18 दिसंबर तक अपने क्षेत्र के विधायकों और सांसदों को ज्ञापन देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उसी के तहत रविवार को बगोदर विधायक विनोद सिंह से मुलाकात कर संवाद का कार्यक्रम रखा गया था। इसके अलावा आगामी 19 दिसंबर को माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
मौके पर थे उपस्थित
मौके पर उपाध्यक्ष आर.बी. मिश्रा, सहायक सचिव मिथिलेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष वासुदेव वर्मा, कैलाश महतो, बगोदर प्रखंड सचिव आलौकिक सागर, नागेश्वर महतो, राजेश कुमार, सरिया के प्रखंड अध्यक्ष रोहित रंजन, उमेश बरनवाल, बिरनी से संयोजक नागेश्वर प्रसाद, अध्यक्ष लोकनाथ प्रसाद वर्मा, सचिव मुन्ना साव, रंजन कुशवाहा, संतोष कुमार साहू सहित तीनों प्रखंड से मिलाकर लगभग 100 निजी विद्यालय के प्रबंधक मौजूद थे।